उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में 9 साल की मासूम बच्ची से रेप के बाद निर्मम हत्या के मामले में कलेक्टर ताराचंद मीणा ने मृतका के भाई को निजी प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए नौकरी पर लगाया है। मृतका का भाई जनता क्लिनिक पर बतौर सपोर्टिंग स्टाफ ड्यूटी देगा। जहां उसे हर महीने करीब 7 हजार रुपये तनख्वाह मिलेगी। वहीं इस मामले में लोगों ने सवाल उठाते हुए इसे महज प्लेसमेंट एजेंसी से नौकरी लगाकर खानापूर्ति बताया है।
मावली क्षेत्र में मृतक बच्ची के गांव निवासी और एडवोकेट अमित पालीवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा नौकरी दिलवा देने की वाहवाही कौन लुटता है। गरीब के साथ छल क्यो करते हो। प्रशासन को राजस्थान संविदा सेवा नियम के तहत मृतक बच्ची के भाई को नौकरी पर रखा जाना चाहिए। निजी प्लेसमेंट एजेंसी से जॉब की कोई गारंटी नहीं होती। उसे कभी भी नौकरी से निकाला जा सकता है। पैसा भी कम मिलता है। मामले में सीएमएचओ डॉ. शंकर बामणिया ने बताया कि मृतका के भाई को निजी प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए नौकरी पर रखा है। उसे हर महीने करीब 7 हजार रुपये वेतन मिलेगा।
इधर, उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा ने मृतका के भाई को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए अपने सरकारी आवास में ही रखने की बात कही। कलेक्टर मीणा ने मृतका के परिजनों और उसके भाई को सरकारी बंगले में एक कमरा रहने के लिए दिया है। साथ ही उनके खाने की व्यवस्था भी की है। सरकारी बंगले में रहने आए मृतक बच्ची के पिता ने कहा, मैं खुश हूं कलेक्टर साहब ने मेरे बच्चे को नौकरी पर रखा और अपने बंगले में रहने को जगह दी है, लेकिन असली खुशी मेरी बेटी के हत्यारे को फांसी मिलने पर होगी।
बता दें कि उदयपुर के मावली थाना इलाके के एक गांव में 9 साल की मासूम बच्ची से रेप के बाद निर्मम हत्या कर 10 टुकड़े किए थे। आरोपी पड़ोसी कमलेश राजपूत (21) ने 29 मार्च को बच्ची से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपी ने उसकी बॉडी के 10 टुकड़े कर एक खंडहर में फेंक दिया था। पुलिस ने हत्या का खुलासा करने के लिए पड़ोसी के घर में तलाशी ली। पुलिस को तलाशी के दौरान पड़ोसी युवक के घर से कई जगह खून के धब्बे मिले। पुलिस ने खून के धब्बों लेकर आरोपी कमलेश से सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी ने हत्या करने की वारदात कबूल की। वहीं, इस मामले में आरोपी युवक का सहयोग करने पर उसके माता-पिता को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फिलहाल, तीनों पुलिस की हिरासत में है।