कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे ने छोड़ा पिता का ‘हाथ’!

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने कहा कि बेटे अनिल के भाजपा में शामिल होने के फैसले से उन्हें बहुत दुख हुआ है।

Anil Antony | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी अब अपने पिता का ‘हाथ’ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, राज्यसभा सदस्य व भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी की मौजूदगी में अनिल एंटनी ने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा में शामिल होते ही एंटनी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका धर्म राष्ट्र के लिए काम करना है ना कि एक परिवार के लिए काम करना। संस्कृत के प्रचलित श्लोक ‘धर्मो रक्षति रक्षित:’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आजकल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि उनका धर्म एक परिवार के लिए काम करना है। मेरा धर्म राष्ट्र के लिए काम करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की सराहना करते हुए एंटनी ने कहा कि विकसित राष्ट्र बनाने को लेकर उनका दृष्टिकोण स्पष्ट है और इसमें योगदान देना उनका कर्तव्य है। अनिल ने इसी साल जनवरी में कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। वह कांग्रेस की केरल इकाई के डिजिटल मीडिया विभाग के प्रमुख भी रह चुके हैं। भाजपा में अनिल का स्वागत करते हुए गोयल ने उन्हें ‘जमीनी राजनीतिक कार्यकर्ता’ बताया और कहा कि वह इस बात से सहमत है कि भाजपा देश की परवाह करती है। उन्होंने कहा कि सतत विकास के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से भी वह सहमत हैं।

‘मौंडी थर्सडे’ पर पिता को दिया धोखा

भाजपा में शामिल होने पर अनिल के. एंटनी को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस ने उनकी आलोचना की और कहा कि उन्होंने ‘मौंडी बृहस्पतिवार’ के दिन अपने पिता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के साथ विश्वासघात किया है। केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि अनिल को पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी और इसलिए उन्होंने भाजपा का दामन थामा है और यह कांग्रेस के लिये चिंता का विषय नहीं है। कांग्रेस नेता के बेटे के भाजपा में शामिल होने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए के पीसीसी प्रमुख ने कहा कि यह ‘मौंडी बृहस्पतिवार’ पर अनिल का ‘अपने पिता को उपहार’ है।

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क्यों कहा जाता है ‘मौंडी थर्सडे’

बाइबल के मुताबिक यीशू के 12 शिष्यों में से एक जूडस इस्कैरियट ने चांदी के 30 सिक्कों के लिए बुधवार के दिन अधिकारियों के साथ उन्हें धोखा देने के लिए एक समझौता किया था। इस बुधवार को ‘होली वेन्सडे’ (पवित्र बुधवार) के तौर पर जाना जाता है। अगले दिन बृहस्पतिवार को (जिसे ‘मौंडी थर्सडे’ के नाम से जाना जाता है) प्रार्थना के बाद यीशू ने शिष्यों के साथ अंतिम बार भोजन किया और अधिकारियों को उनकी पहचान बताने के लिए जूडस इस्कैरियट ने उनके गाल को चूमा। जूडस के धोखे के बाद अधिकारी यीशू को उनसे दूर ले गए और बाद में शुक्रवार को उन्हें सूली पर चढ़ा दिया, इसे ‘गुड फ्राइडे’ कहते हैं। इससे पहले वाले दिन को ‘मौंडी बृहस्पतिवार’ कहा जाता है।

अनिल के फैसले से एके एंटनी दुखी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने कहा कि बेटे अनिल के भाजपा में शामिल होने के फैसले से उन्हें बहुत दुख हुआ है। केरल के मुख्यमंत्री रह चुके एंटनी ने विरोधी दल (भाजपा) में शामिल होने के बेटे के फैसले के बाद ‘नेहरू परिवार’ के प्रति अपनी बेशर्त निष्ठा होने की घोषणा की। पूर्व केंद्रीय ने अपने बेटे के फैसले को ‘गलत’ करार दिया और कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक कांग्रेस में बने रहेंगे। रक्षा मंत्री रह चुके एंटनी ने कहा कि वह भाजपा और राष्ट्रीय आरएसएस के खिलाफ अपनी आवाज हमेशा बुलंद करते रहेंगे। नेहरू-गांधी परिवार’ के खिलाफ अनिल की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए एंटनी ने कहा कि उनकी निष्ठा हमेशा नेहरू परिवार के प्रति बनी रहेगी, जो आज भी ‘भारत के मूल आदर्शों की सुरक्षा के लिए बिना डरे संघर्ष’में सबसे आगे है।

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