जयपुर। प्रदेश के संविदाकर्मी खुद के नियमित करने को लेकर लंबे समय से सरकार से मांग उठा रहे हैं लेकिन अभी सभी को नियमित नहीं किया गया है। इसे लेकर संविदाकर्मियों में रोष है। अब संविदाकर्मियों ने सरकार को चेतावनी दे दी है कि अब अगर उन्हें नियमित करने में और देर की तो 25 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
आज प्रेस क्लब में संविदा मुक्ति मोर्चा, राजस्थान के पदाधिकारियों ने इस संबंध में प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा 2023-24 में संविदा कर्मियों के अनुभव की गणना अन्य सेवा से आईएएस चयन के पैटर्न के आधार पर करने की घोषणा की थी। जिसमें अनुभव के 3 साल का 1 साल गणना में लिया जाता था। इसको लेकर संविदाकर्मीयों मे काफी भारी रोष है।
संविदाकर्मियों के अनुभव की गणना 1-1 से करे सरकार
संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा, राजस्थान के प्रदेश महासचिव रामस्वरूप टांक ने कहा कि सरकार अनुभव की गणना वास्तविक रूप से 1-1 मानकर ही करे। सरकार अगर आईएएस पैटर्न में 3-1 का फार्मूला अपनाती है तो इससे मुश्किल से 10,000 संविदा कर्मियों का ही नियमितीकरण होगा बाकी एक लाख संविदा कर्मी नियमित होने से वंचित हो जाएंगे।
संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा, राजस्थान के उपाध्यक्ष अनवर खान ने बताया की आला अधिकारियों मंत्रियों से मिलकर लगातार प्रयास करने के बाद भी अभी तक सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई है। सरकार किस तर्ज पर संविदा कर्मियों को नियमित करेगी इसके लिए अभी तक कोई भी परिपत्र या अधिसूचना जारी नहीं की गई है। अब चुनाव काफी नजदीक आ चुके हैं और अधिकारियों के इस ढीले रवैया से अगर सरकार चलेगी तो इस सरकार मै नियमितीकरण होना मुश्किल हो जाएगा।
10 अप्रैल से हर संभाग से जयपुर तक निकाली जाएगी चेतावनी रैली
इसलिए अब संविदाकर्मियों ने यह मांग की है कि सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित करने की जो चुनावी घोषणा की थी उसे जल्द पूरा किया जाए। संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा, राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र चौधरी ने बताया की अगर सरकार जल्द ही कदम नहीं उठाती है तो सभी संविदा कर्मियों द्वारा 10 अप्रैल 2023 को हर संभाग मुख्यालय पर चेतावनी रैली 25 अप्रैल 2023 शहीद स्मारक तक निकालेंगे। हजारों की संख्या में ‘अधिकार पैदल मार्च’ और वहीं से ही अनिश्चितकालीन महा आंदोलन किया जाएगा।
बता दें कि इस प्रेस कांफ्रेंस में अल्प संख्यक विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के संविदाकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहे।
प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा संविदाकर्मियों का अब आंदोलन
गौरतलब है कि प्रदेश में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी पिछले दिनों से लगातार सक्रिय रहकर मुख्यमंत्री और इनके मंत्रियों,विधायकों,अधिकारियों को जगह-जगह ज्ञापन देकर नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार की तरफ से राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के तहत कोई भी अनुभव गणना करने और नियमितीकरण का परिपत्र जारी नहीं किया है। इसलिए संविदा कर्मी फिर से आंदोलन की राह पकड़ रहे हैं।
(इनपुट- श्रवण भाटी)