अजमेर। दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने वाली निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल राजस्थान पुलिस के ध्येय वाक्स ‘अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास’ से बिलकुल विपरीत काम करती थी। मित्तल ने एक साल पहले आरोपी सुनील नंदवानी को आदेश के बावजूद अन्य फाइलों में गिरफ्तार नहीं करके फायदा पहुंचाया था। अब इस मामले में एसओजी ने कार्रवाई करते हुए दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर लिया है।
दिव्या मित्तल को अब न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। एसओजी के एएसपी कमल सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में रामगंज और अलवर गेट थाने में दर्ज नशीली दवाओं के मामले की जांच 27 फरवरी 2023 को उनको सौंपी गई। जिसमें जांच करने पर सामने आया कि निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल ने जांच अधिकारी रहते आरोपी सुनील नंदवानी को रामगंज थाने के मुकदमा नम्बर 195 में गिरफ्तार कर रिमांड लिया और बाद में जेल भेज दिया लेकिन जब आरोपी सुनील नंदवानी की जमानत लगी तो इसका विरोध नहीं किया और उसे एडीजी के आदेश के बाद भी दो अन्य मामलों में गिरफ्तार नहीं किया।
यह कृत्य पूरी तरह से गैरकानूनी है और आरोपी को लाभ पहुंचाने का है। ऐसे में केस डायरी में पूर्व अनुसंधान अधिकारी दिव्या मित्तल के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 व आईपीसी की धारा 217 व 221 के तहत नोट डालकर गिरफ्तार कर लिया गया है। दिव्या मित्तल ने अनुसंधान अधिकारी रहते अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया और आरोपी को लाभ पहुंचाया।
दिव्या मित्तल से होगी पूछताछ…
जांच अधिकारी एएसपी कमल सिंह ने बताया कि दिव्या मित्तल को अवकाशकालीन न्यायालय में पेश किया जाएगा और रिमांड की मांग की जाएगी। इसके बाद मित्तल से मामले में पूछताछ की जाएगी। इस मामले में और कौन लोग संलिप्त है, इसकी भी जांच की जाएगी। जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
लग्जरी होटल में करता था व्यवस्था…
आरोपी सुनील नंदवानी ने दिव्या मित्तल द्वारा अन्य मामलों में गिरफ्तार नहीं करने के लिए पूरी सेवा भी की। नंदवानी ने एसओजी की टीम जब देहरादून गई तो उन्हें लग्जरी होटल क्लार्क्स कलेक्शन में रूकवाया और उनकी सेवा की। इस टीम में स्वयं एएसपी दिव्या मित्तल भी मौजूद थी। इस होटल का पूरा बिल नंदवानी की ओर से दिया गया।
दो बार ले चुके हैं सेवा…
एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने हिमालय मेडिटेक प्राईवेट लिमिटेड के संचालक सुनील नंदवानी को अप्रेल 2022 में गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था। इसके बाद आरोपी को देहरादून ले जाया गया। एएसपी मित्तल स्वयं टीम के साथ गई थी और इनकी व्यवस्था देहरादून के नंदा की चौकी स्थित लग्जरी होटल क्लार्क्स कलेक्शन में की गई थी। रिमांड पर चल रहा आरोपी सुनील भी इसी होटल में रूका था। वहीं इसके बाद दिसम्बर माह में भी एसओजी की टीम गवाह अंकित शर्मा के लिए देहरादून गई थी। इस दौरान भी सुनील नंदवानी ने ही टीम को इस होटल में ठहराया था।
आरोपी पर चांदी की चमक के चलते की मेहरबानी!
नशीली दवाओं के मामले में गिरफ्तार किए गए हिमालय मेडिटेक प्राईवेट लिमिटेड के संचालक सुनील नंदवानी की गिरफ्तारी के बाद एसओजी एटीएस के एडीजी अशोक राठौड़ ने दो अन्य फाइलों में गिरफ्तार करने के लिए लिखित में आदेश दिया था। इसके बावजूद भी आरोपी की केवल मात्र एक ही फाइल में गिरफ्तारी की और इसके बाद उसकी जमानत हो गई। आरोपी सुनील नंदवानी को अन्य दो फाइलों में गिरफ्तार नहीं किया गया। आरोपी नंदवानी पर इस मेहरबानी का क्या कारण रहा, यह तो दिव्या मित्तल ही बता सकती है कि आखिर क्या वजह रही कि उनके विभाग के मुखिया के आदेश को साइड करके उन्होंने सुनील नंदवानी को अन्य फाइल में गिरफ्तार नहीं किया?
कंपनी बनने से पांच माह पहले ही नकली दवाइयां आ गई बाजार में
आरोपी सुनील नंदवानी देहरादून की हिमालय मेडिटेक का संचालक है। सुनील पर दीमापुर की बायोमैक्सचर के नाम की कम्पनी की नकली दवाएं बनाने का आरोप है। दीमापुर की बायोमैक्सचर कम्पनी मई 2021 में अस्तित्व में आई थी लेकिन आरोपी सुनील नंदवानी ने जनवरी माह में ही कम्पनी के नाम से नकली दवाएं बनाकर देश भर में भेजी थी।
ट्रांस्पोर्टर है गवाह अंकित शर्मा
नशीली दवाओं के मामले में एएसपी दिव्या मित्तल ने देहरादून के पंडितवाड़ी के रहने वाले अंकित शर्मा को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा, जबकि चार्जशीट में 40 नम्बर गवाह पर अंकित शर्मा का नाम है। अंकित शर्मा ने जांच अधिकारी को बिल बुक, बिल्टियां, चेटिंग, ऑडियो व 65 बी का प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करवाया था। इसके बावजूद भी उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सच बेधड़क ने दो माह पहले किया था पर्दाफाश…
इस पूरे मामले का सच बेधड़क ने दो माह पहले ही पर्दाफाश कर दिया था। सच बेधड़क ने दिव्या मित्तल की गिरफ्तारी के बाद उनकी कुंडली खंगालकर यह सभी तथ्य पुलिस के आलाधिकारियों और दर्शकों तक पहुंचाए थे।
(इनपुट-नवीन वैष्णव)