कोटा। जीवनदायिनी चंबल के दोनों किनारों पर चंबल रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है, जो देश और दुनिया में अपनी अलग ही मिसाल पेश करेगा। यहां कई तरह के रिकॉर्ड स्थापित किए जा रहे हैं और लोगों को आधुनिकता के साथ कला, संस्कृति, धर्म से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर इसके पास ही कुछ ही दूरी पर नयापुरा बस स्टैंड के पास कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से देश के महापुरुषों का मंदिर भी बनाया जा रहा है, जो अपने आप में अनूठा मंदिर होगा। इस मंदिर में धर्म, संस्कृति, कला और साहित्य का संगम होगा।
दरअसल, इस मंदिर में भगवान के दर्शन के साथ ही महापुरुष और साहित्कारों के भी दर्शन भी होंगे। ये ही नहीं यहां स्वर कोकिला लता मंगेश्कर की प्रतिमा भी दिखाई देगी। इसके साथ ही यहां कई संतंत्राता सेनानियों की प्रतिमाएं भी देखने को मिलेंगी। इस मंदिर में 48 महापुरुषों की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। यहां राधा-कृष्ण, शिव मंदिर के दर्शन होंगे, तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महानायक अमिताभ बच्चन व क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की प्रतिमाएं भी लगाई जाएगी। बता दें कि मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। वहीं तीन मूर्तियों का अनावरण भी कर दिया गया है।
इन मूर्तियों की होगी स्थापना
संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि पहले चरण में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, स्वामी विवेकानंद, सरदार वल्लभभाई पटेल, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, लाल बहादर शास्त्री की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इस बीच तीन मूर्तियों का लोकार्पण भी कर दिया गया है। अब महाराणा प्रताप, शिवाजी, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महाराजा रणजीत सिंह, खेत सिंह खंगार, इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा।
पहले चरण में 12 मूर्तियों की स्थापना
राजाराम कर्मयोगी ने बताया कि भारत माता भवन में देश की आजादी के लिए जान गवाने वाले शहीद, खेल व कला, साहित्य के क्षेत्र में देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी, कलाकारों व वर्तमान में राजनीति में रहते हुए देश हित में कार्य कर रही हस्तियों की मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि यहां मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में 12 मूर्तियों की स्थापना की हैं। मई तक शेष मूर्तियों की स्थापना कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आज की पीढ़ी देश हित में कार्य कर रहे व कार्य करते हुए दिवंगत हो गए लोगों से प्रेरणा ले सकें व उनके आदर्शों को अपना सके, इसी उद्देश्य से इन मूर्तियों की स्थापना की जा रही है।