पानी हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है। ये एक ऐसी चीज है जिसके बिना हमारा जीवन बिल्कुल असंभव है। ये तो हम सब जानते हैं कि, पृथ्वी का 70% हिस्सा पानी से घिरा हुआ है। लेकिन इसमें से केवल 3% पानी ही है जो पीने योग्य है। बढ़ती पॉपुलेशन और बिगड़ती लाइफस्टाइल ने ना केवल पानी बल्कि पृथ्वी से जुड़ी हर चीज को खराब कर दिया है। इस बात का महत्व समझाने के लिए हर साल 22 मार्च को ‘वर्ल्ड वाटर डे'(World Water Day) मनाया जाता है। आज इस खाल दिन पर जानते हैं कि, क्या है इसका इतिहास और महत्व।
क्या है इस दिन का इतिहास
साल 1992 में ब्राजील में पर्यावरण और विकास सम्मेलन का आयोजन हुआ। जहां ‘वर्ल्ड वाटर डे’ को महत्व देने का मुद्दा उठा। जिसके बाद सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने 1992 में इस प्रस्ताव को अपनाया और हर साल 22 मार्च 1993 ‘वर्ल्ड वाटर डे’ मनाया जाने लगा। आपको बता दें कि, साल 2010 में UN ने पीने के लिए मिलने वाले साफ पानी को मानव अधिकार घोषित किया था।
क्या है इस साल की थीम
इस साल UN ने ‘वर्ल्ड वाटर डे'((World Water Day)) की थीम को परिवर्तन से जोड़ा है। इस साल की थीम है ‘एक्सीलरेटिंग चेंज’जल से जुड़े अभियान को Be The Change के तहत सेलिब्रेट किया जाएगा।
पानी के लिए होगा युद्ध
पानी की किल्लत दुनिया में कितनी है इस बात को सभी जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, दुनिया के नामी लोगों ने कई साल पहले ही इस बात की चिंता जता दी थी कि पानी के चलते कई बड़ी लड़ाईयां होगी। संयुक्त राष्ट्र के छठे महासचिव बुतरस घाली ने कहा था कि, अगर इंसानों ने सही समय पर पानी के महत्व को नहीं समझा तो इस दुनिया में अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए ही होगा। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी एक बार अपने भाषण के दौरान लोगों को चेताते हुए कहा था कि ध्यान रहे कि आग पानी में भी लगती है और कहीं ऐसा न हो कि अगला विश्वयुद्ध पानी के मसले पर हो।