वॉशिंगटन। अंतरिक्ष का अभी तक का सबसे बड़ा 2D नक्शा (map of space) था, उसका आकार और भी बढ़ गया है। अब यह पृथ्वी के लगभग आधे आकाश को कवर कर रहा है। नेशनल रेडियो ऑप्टिकल एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरी के अनुसार ब्रह्मांड के छह साल के लंबे सर्वेक्षण डेटा के जरिए ये मैप बनाया गया है। इस मैप में एक अरब से ज्यादा चमकीले धब्बे हैं, जो आकाश गंगाओं को दिखाते हैं और इनमें भी अरबों तारे हैं।
इस मैप का विस्तार डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट लिगेसी इमेजिंग सर्वे की ओर से जारी 10वें डेटा से हुआ है। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य 4 करोड़ गैलेक्टिक टार्गेट की पहचान करना है। इनका उपयोग पिछले 12 अरब वर्षों में ब्रह्मांड के विस्तार के इतिहास को सटीक रूप से मैप करने के लिए किया जा सकता है।
इस परियोजना के अंत में वैज्ञानिक डार्क एनर्जी को समझना चाहते हैं। यह तथ्य जानने के बावजूद कि ब्रह्मांड की कुल ऊर्जा और पदार्थ का एक बड़ा हिस्सा डार्क एनर्जी है, फिर भी वैज्ञानिकों को इसके बारे में कम ही पता है।
कितना बड़ा हुआ मैप
इन गैलेक्टिक टार्गेट्स को पहले ही बड़े पैमाने पर 2D मैपिंग के लिए चुना गया है, लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों ने सबसे बड़ा मैप बनाने के लिए इसे जोड़ना नहीं रोका है। पहले संयुक्त रूप से तीन सर्वेक्षणों के डेटा के इस्तेमाल से टेलीस्कोप के जरिए पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में आकाश के 14,000 वर्ग डिग्री की छवि ली गई। 10वां डेटा रिलीज होने का बाद अब यह 20,000 वर्ग डिग्री तक फैल गया। नए डेटा के लिए दक्षिणी गोलार्ध से फोटो ली गई थी।
पब्लिक के लिए भी है डेटा
नए डेटा में एक अतिरिक्ट फिल्टर के साथ आकाश की नियर इंफ्रारेड (map of space) तस्वीरें शामिल हैं, जिसे इंसान देख सकते हैं। खगोलशास्त्री अल्फ्रेडो जेंटेनो ने कहा कि लीगेसी सर्वे में नियर-इन्फ्रारेड वेवलेंथ डेटा को जोड़ने से हमें दूर की आकाशगंगाओं से आने वाली रोशनी की बेहतर गणना करने की अनुमति मिलेगी। लिगेसी सर्वे का डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, जिसका अर्थ है कि शौकिया खगोलविद् भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
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