करौली। हिण्डौन शहर के घरों में इस समय हाहाकार मचा हुआ है। नलों से आ रहे दूषित पानी के चलते फैली उल्टी दस्त की बीमारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या के बीच आज सुबह एक 12 वर्षीय बच्चे की उल्टी दस्त के कारण मौत हो गई। वहीं मामला बढ़ता देख जलदाय विभाग और प्रशासन अब पानी के सैंपल लेकर जांच में जुटा है। मामले की जांच करने पहुंचे जलदाय विभाग हिंडौन के अभियंताओं का शहर के लोगों ने घेराव कर जमकर खरी-खोटी सुनाई।
कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्रों और पानी की टंकी का किया निरीक्षण
मामले की संवेदनशीलता देखते हुए जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह भी हिंडौन के जिला अस्पताल पहुंचे और मरीजों के हालचाल जानकर जलदाय विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। इसके बाद जिला कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्र का भी निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति रोक दी है, जिससे इंफेक्शन और नहीं फैले। उन्होंने बताया कि पानी के सैंपल लिए हैं जिसकी जांच आने के बाद पता चलेगा कि पानी स्रोत से दूषित हुआ है या फिर पाइप लाइन में लीकेज के कारण। उन्होंने कहा कि पीड़ित मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें कि हिंडौन के चौबे पाड़ा, दुब्बे पाड़ा, काना हनुमान पाड़ा, पाठक पाड़ा, जाट की सराय, गुलशन कॉलोनी, बाईपास सहित कई कॉलोनी के सैकड़ों लोगों को जलदाय विभाग द्वारा एक ही टंकी से पेयजल आपूर्ति की जाती है। 2 दिन पहले दूषित पेयजल आपूर्ति के कारण उल्टी दस्त के मरीज आना शुरू हुआ जो अभी तक नहीं थमा है। इन कॉलोनी के करीब 100 से अधिक लोगों को उल्टी दस्त से पीड़ित बताए जा रहे हैं। जिनमें से 90 से अधिक लोगों को हिण्डौन के जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया वहीं 11 बच्चों सहित 17 से अधिक मरीजों को चिकित्सक ने गंभीर हालत में जयपुर रेफर किया है।
12 साल के बच्चे की मौत
हिण्डौन के शाहगंज निवासी 12 वर्षीय देव कुमार पुत्र गिरधारी कोली को दूषित पानी पीने के कारण बीती रात उल्टी दस्त शुरू हुए। जिसके बाद परिजन आज सुबह बालक को हिंडौन के जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बालक की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा गया। वहीं लोगों में जलदाय विभाग और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश फैल गया है। लोगों को कहना है कि दूषित पेयजल आपूर्ति की शिकायत उन्होंने कई बार जलदाय विभाग और प्रशासन को की लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिससे मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती गई। लोगों का कहना है कि नलों से दूषित पेयजल की आपूर्ति हो रही है। क्षेत्र में 50 वर्ष पुरानी पाइप लाइन और टँकी की सफाई नहीं होने से लोगों के घरों तक गंदा पानी पहुंच रहा है। मामला बढ़ता देख विभाग के अभियंता मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उनका घेराव किया और जमकर खरी-खोटी सुनाई।
जांच के लिए भेजा गया पानी का नमूना
जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ पुष्पेंद्र गुप्ता ने पुरानी आबादी क्षेत्र में मेडिकल टीम भेजकर सर्वे कराया। साथ ही कई स्थानों से पानी के नमूने संकलित कर जांच के लिए भेजे हैं। लगातार बढ़ रहे मरीजों के कारण अस्पताल के वार्ड भी फुल हो गए। शिशु वार्ड में भर्ती दर्जनभर बच्चों सहित दो दर्जन से अधिक रोगियों को रेफर किया गया है। जिला अस्पताल के बेड फुल होने के कारण मेडिकल पर शिशु वार्ड में एक पलंग पर दो से तीन मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि पुरानी आबादी क्षेत्र के मोहल्लों में उल्टी दस्त के प्रकोप में प्रथम दृष्टया दूषित पानी सेवन का कारण सामने आया है। चिकित्सकों ने लोगों को पानी को उबालकर ठंडा करके पीने की सलाह दी है। वहीं मामले पर एसडीएम सुरेश कुमार हरसोलिया का कहना है कि पुरानी आबादी क्षेत्र में कई स्थानों पर जलापूर्ति की पाइप लाइन में लीकेज मिले हैं। जलदाय विभाग के अभियंताओं को लीकेज की तरफ से मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं।
ERCP किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास ने की निंदा
दूसरी तरफ पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष भामाशाह रामनिवास मीना ने इस मामले को कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता करार दिया। उन्होंने कहा कि आप लोग ईआरसीपी की उपयोगिता को समझें और राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए सरकार पर दबाब बनाएं। रामनिवास मीना ने कहा कि पेयजल की कमी के कारण ही लोग दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। हिंडौन शहर में नलों से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए दो योजनाओं में 80 करोड़ से ज्यादा राशि स्वीकृत हुई थी। इसके बाद भी आमजन को नलों से स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है और लोग मजबूरी में दूषित पानी पी रहे हैं।
जांच टीम पर लोगों ने उतारा गु्स्सा
हिण्डौन के सैकड़ौं घरों में मचे हाहाकार का गुस्सा पानी की जांच करने आई टीम को झेलना पड़ रहा है। दरअसल शहर के पीएचईडी अभियंताओं ने आज सुबह पहुंचकर उल्टी दस्त से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। साथ ही करौली से विभागीय लैब जांच टीम ने शाहगंज की पानी टंकी सहित कई उपभोक्ताओं के नल कनेक्शन से पेयजल नमूना संकलित किया। इन विभागीय अभियंताओं को मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों का आक्रोश भी झेलना पड़ा। बीते 3 दिनों में 90 से ज्यादा मरीज भर्ती हो चुके। इसके बाद एसडीएम सुरेश कुमार हरसोलिया ने जांच के आदेश दिए।