सरदारशहर के चुनाव के लिए दो दिन बाद ही 5 दिसंबर को वोटिंग है। सरदारशहर की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपना विधायक चुनेंगे। इसे लेकर तीनों ही पार्टियों कांग्रेस, भाजपा और आरएलपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सरदारशहर में हैं वे यहां भाजपा प्रत्याशी अशोक पिंचा के समर्थन में घर-घर जाकर समर्थन मांग रहे हैं। सतीश पूनिया ने सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र की गलियों में उतरकर भाजपा का झंडा बुलंद किया। उन्होंने यहां गलियों में वंदे मातरम, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद सहित की नारे लगाए। इस दौरान उनके साथ कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बता दें कि भाजपा प्रत्याशी अशोक पिंचा साल 2008 में सरदारशहर के विधायक चुने गए थे। इसके बाद अशोक पिंचा 2013 तक विधायक रहे। इसके बाद साल 2013 के विधानसभा चुनाव में फिर दोनों पार्टियों ने इन्हीं उम्मीदवारों को दोबारा मैदान में उतारा लेकिन इस बार जीत भंवरलाल शर्मा की हुई। इस बार भंवरलाल 7 हजार 57 वोटों से जीते और अशोक पिंचा 79 हजार 675 वोट पाकर हार गए। इसके बाद फिर से 2018 में भी चुनाव इन्हीं दोनों ने लड़ा। लेकिन इस बार भी जीत का ताज भँवरलाल के सिर सजा और वे 16 हजार 816 वोटों से जीत गए।
जनसंघ के जमाने से विचारधारा से जुड़े हैं पिंचा
62 वर्षीय अशोक पिंचा जैन समाज से आते हैं और उनका सरदारशहर में एक बड़ा मेडिकल स्टोर है। सरदारशहर के पिंचों की बास में उनका निवास है। अशोक पिंचा जनसंघ के जमाने से पार्टी और विचारधारा से जुड़े। साल 2008 के विधानसभा चुनाव में अशोक पिंचा सरदारशहर सीट से खड़े हुए थे। उनके सामने कांग्रेस के दिवंगत भंवरलाल शर्मा मैदान में उतरे थे। उस वक्त अशोक पिंचा ने 9 हजार 774 वोटों से यह चुनाव जीत लिया था। उस वक्त भंवरलाल शर्मा को 64 हजार 128 वोट तो अशोक पिंचा को 73 हजार 902 मत मिले थे।