गुजरात चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। कांग्रेस की अगर बात करें तो पार्टी के जो नेता गुजरात चुनाव को संभाल रहे हैं उनमें से अधिकतर राजस्थान से हैं। लेकिन राजस्थान भाजपा के नेता इनमें नाममात्र के ही हैं। दूसरी तरफ दोनों पार्टियों की स्टार प्रचारकों की लिस्ट को देखें तो पाएंगे कि, इसमें भी कांग्रेस ने तो राजस्थान के नेताओं को तवज्जो दी है, जबकि भाजपा ने राजस्थान के नेताओं से किनारा किया है।
भाजपा के स्टार प्रचारकों में एक भी राजस्थान से नहीं
भाजपा की गुजरात में स्टार प्रचारकों की लिस्ट की बता करें तो इनमें पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, सीआर पाटिल, भूपेंद्र पटेल, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान, मनसुख मंडाविया, भूपेंद्र यादव, पुरुषोत्तम रुपाला, भारतीबेन शियाल, सुधीर गुप्ता, योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, हेमंत बिस्वा शर्मा, देवेंद्र फडनवीस, विजयभाई रुपाणी, नितिनभाई पटेल, वजुभाई पटेल, रत्नाकर, दिनेश लाल यादव, रवि किशन, मनोज तिवारी, तेजस्वी सूर्या, हर्ष संघवी, हेमा मालिनी, जरेश रावल, प्रदीपसिन वघेला, विनोद चावड़ा, मनसुख भाई वसवा, पूनमबेन, प्रशांतभाई कोरट, शंभूप्रसादजी तूंडिया, कुंवरजीभाई बवालिया, गणपतभाई वसावा, पुरुषोत्तम सोलंकी, परिंदु भगत शामिल है।
कांग्रेस ने राजस्थान को दी तवज्जो
गुजरात चुनाव के लिए भाजपा की स्टार प्रचारक की इस लिस्ट में एक भी राजस्थान के नेताओं का नाम नहीं है। लेकिन अगर हम कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की लिस्ट देखें तो इनमें मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, रमेश चेन्निताल, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, भूपेंद्र हुड्डा, अशोक चवन, तारिक अनवर, बी,के हरिप्रसाद, मोहन प्रकाश, शक्तिसिंह गोहिल, रघु शर्मा, जगदीश ठाकोर, सुखराम रठावा, सचिन पायलट, शिवाजी राव मोघे, भारतसिंह सोलंकी, अर्जुन मंडाविया, सिद्धार्थ पटेल, अमित चवड़ा, नारनभाई रठावा, जिग्नेश मेवानी, पवन खेरा, इमरान प्रतापगढ़ी, कन्हैया कुमार, कांतिलाल भूरिया, नसीम खान, राजेश लिलोतिया, परेश धनानी, वीरेंद्र सिंह राठौड़, ऊषा नायडू, रामकिशन ओझा, बीएम संदीप, अनंत पटेल, अमरिंदर सिंह राजा, इंद्रविजय गोहिल शामिल हैं।
37 में 23 पर्यवेक्षक राजस्थान कांग्रेस से
इस लिस्ट में देखें तो राजस्थान से अशोक गहलोत, सचिन पायलट, रघु शर्मा को तवज्जो दी गई है। वहीं अगर पर्यवेक्षकों की बात करें तो गुजरात में कांग्रेस के 37 में से 23 पर्यवेक्षक राजस्थान से ही बनाए गए हैं। जबकि वरिष्ठ पर्यवेक्षक तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हैं। वहीं अगर बात भाजपा की करें तो राजस्थान भाजपा से सतीश पूनिया, कैलाश चौधरी, ओम माथुर, गजेंद्र सिंह शेखावत, भूपेंद्र यादव हैं। चुनाव की तस्वीर तो यहां से साफ दिखाई दे रही है कि गुजरात में राजस्थान कितना अहमियत रखता है। लेकिन इसे शायद सिर्फ कांग्रेस ने ही समझा है भाजपा ने नहीं।
राजस्थान से ही निकलेगा गुजरात में जीत का रास्ता
बता दें कि कांग्रेस के जो गुजरात में पर्यवेक्षक बनाए गए हैं उनकी रिपोर्ट पर ही प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है। राजस्थान सरकार में मंत्री बीडी कल्ला, प्रमोद जैन भाया और गोविंद राम मेघवाल सहित एक दर्जन से ज्यादा विधायकों व पदाधिकारियों को भी गुजरात चुनाव में लगाया गया है। बता दें कि सोनिया गांधी ने मई महीने में आदिवासियों के तीर्थस्थल बेणेश्वर धाम में 100 करोड़ की पुलिया निर्माण का शिलान्यास किया था। राजस्थान की आदिवासी सीटों के अलावा गुजरात और एमपी की आदिवासी विधानसभा क्षेत्र से सीधा असर होता है। क्योंकि गुजरात सीमा से डूंगरपुर और बांसवाड़ा सटे हुए हैं इसलिए ये जिले व इनकी विधानसभा सीटें गुजरात विधानसभा चुनाव में बेहद अहम हैं। इसलिए दोनों ही पार्टियों ने चुनाव के लिए उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों के जरिए यहां पैठ बनाई थी।