इन दिनों WhatsApp पर ऐसे कई मैसेज चल रहे हैं जिनमें टोल टैक्स से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। इसमें पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों व कई अन्य लोगों को भी टोल टैक्स नहीं देने की सलाह दी गई है। यहां तक कि कई ग्रुप्स में तो बाकायदा जारी किए गए आदेश की कॉपी भी शेयर की गई है।
अब इन सभी दावों और बातों का खंडन करते हुए केन्द्र सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। इसमें सरकार ने कहा है कि इस तरह का कोई भी आदेश कभी जारी नहीं किया गया था। सोशल मीडिया पर चल रहे सभी मैसेज फर्जी है और पूरी तरह से गलत है।
इस संबंध में भारत सरकार के विभाग पीआईबी ने एक विज्ञप्ति जारी कर उन सभी लोगों की लिस्ट भी जारी की है जिन्हें टोल टैक्स नहीं देना होता है। उनकी लिस्ट यहां पर दी जा रही है। आप भी ध्यान से देख लें…
देश के राष्ट्रपति
देश के उपराष्ट्रपति
देश के प्रधानमंत्री
सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री
केन्द्र शासित प्रदेशों के लेफ्टनेंट गवर्नर
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सभी जज
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एवं अन्य सभी जज
देश के सभी सांसद, केबिनेट मंत्री, मंत्री
विधानसभा के विधायक
देश की लोक सभा तथा सभी राज्यों की विधानसभा के अध्यक्ष
थल सेना,वायु सेना और जल सेना के कमांडर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी
राज्य सरकार के मुख्य सचिव
भारत सरकार के सचिव
राजकीय यात्रा पर आए विदेशी गणमान्य नागरिक
उपरोक्त सभी के अलावा अन्य कई जरूरी सेवाओं को भी टोल टैक्स से छूट दी गई है। इनमें एम्बुलेंस सेवा, शव वाहन सेवा, पुलिस की गाड़ियां, अर्द्धसैनिक सुरक्षा बलों की गाड़ियां, फायर फाइटिंग गाड़ियों को भी टोल टैक्स नहीं देना होता है। इसी तरह भारत सरकार के सर्वोच्च अवार्ड यथा परमवीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र आदि पुरस्कार प्राप्त करने वाले सम्मानीय लोगों को भी टोल टैक्स नहीं देना होता।