नगर निगम ग्रेटर के सिविल लाइन जोन उपायुक्त कनक जैन ने अजीबोगरीब फरमान जारी कर वकीलों को भी कार्यालय में आने रोक लगाई है। उपायुक्त ने बाहरी लोगों में दलाल,ब्रोकर, व अपराधियों में वकीलों को भी शामिल करते हुए कार्यालय परिसर में आने से रोक लगाई है। इसको लेकर जोन कार्यालय के बाहर नोटिस चस्पा किया है। नोटिस चस्पा करने के बाद कोई कार्यालय परिसर में आता है तो आयुक्त ने पुलिस करवाई करने की बात कही है। इधर, नोटिस को लेकर उपमहापौर पुनीत कर्णावत ने विरोध जताते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिखकर उपायुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अपराधियों में वकीलों को शामिल करना शर्मनाक
उपमहापौर पुनीत कर्णावत ने मंत्री को शिकायत करते हुए कहा कि वकील बेहद नोबल प्रोफेशन का हिस्सा है उनके प्रति इस प्रकार की भाषा का उपयोग करना बेहद शर्मनाक है। वकील हमारे समाज केन्यायिक प्रक्रिया के महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। उनके प्रति इस प्रकार की अशोभनीय भाषा का प्रयोग करना अत्यंत निंदनीय है। इधर विकिलों ने भी विरोध शुरू कर दिया है। जयपुर डिस्टिक बार एसोसिएशन अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा की उपायुक्त द्वारा यह निंदनीय आदेश जारी किया है।आदेश रद्द करते हुए सार्वजनिक माफ़ी मांगे, अन्यथा सिविल लाइन जोन कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर उपायुक्त को प्रवेश नहीं करने देंगे।
वकीलों को अपराधियों की श्रेणी में किया शामिल
उपायुक्त द्वारा जारी किये गए नोटिस में कहा गया है कि सिविल लाइन जोन कार्यालय परिसर में आए दिन बाहरी लोग, दलाल, ब्रोकर्स, वकील व अन्य अपराधी आते है। जिनके द्वारा कार्यालय परिसर में अलग अलग शाखाओं में प्रतिदिन आना, आमजन को गुमराह करना, स्वयं को नगर निगम का कर्मचारी बताना, कार्मिको से असंतोषजनक व्यवहार करना, स्वयंको मंत्री का कार्यकर्ता जाहिर कर धमकी दी जा रही है। इसमें वकीलों को भी ऐसे करते हुए शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना में बाधा बन रहे
उपायुक्त द्वारा जारी नोटिस में दलाल, ब्रोकर्स, वकील व अन्य अपराधी जैसे लोगों का प्रवेश बंद करते करते हुए मुख्यमंत्री की योजनाओं में बाधा बनने की बात कही है। नोटिस में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री महोदय की महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजना के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कियेजाने में इन अपराधियों द्वारा राजकार्य और आमजन की पत्रावलियों के कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही है। ऐसे लोग कार्यालय में पाए जाते जाने पर विभागीय स्तर से और पुलिस स्तर से कार्रवाई की जाएगी।