ACR पर अब राजस्थान में सियासत गरमाने लगी है। महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच तीखी टिप्पणियों के दौर के बाद दिव्या मदेरणा महेश जोशी पर लगातार पलटवार कर रही हैं। अब उन्होंने प्रताप सिंह खाचरियावास के ACR पर दिए गए बयान को लेकर कहा कि महेश जोशी एसीआर तो नहीं लिख रहे लेकिन अनुशासनहीनता की गौरव गाथा जरूर लिख रहे हैं।
इस तरह कैसे होगी सरकार रिपीट
दिव्या मदेरणा ने कहा कि एक मिनिस्टर को दूसरे मिनिस्टर की बात नहीं काटनी चाहिए कितनी भी असहमति हो। कम से कम मंत्रिपरिषद के अंदर यह सिस्टम रखना चाहिए। इसके बगैर हम सरकार कैसे रिपीट करेंगे। वहीं महेश जोशी के एक पद छोड़ने के संकेत देते हुए बयान पर दिव्या मदेरणा ने हमला बोलते हुए कहा कि महेश जोशी 2 साल तक दोनों पदों का आनंद सुविधाएं लेते रहे। तब उन्हें यह नहीं याद आया कि काम का भार ज्यादा हो गया है। अब जब उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस मिल गया है तो उन्हें नैतिकता की बात याद आ रही है। दिव्या मदेरणा ने आगे कहा कि इंतजार किस चीज का है? स्वयं इस्तीफा दें अब एक पद से। कांग्रेस अध्यक्ष ने भी अपने आप ही इस्तीफा दिया था एक पद से और अब सबको इससे साफ़ संदेश दिया था।
नोटिस पाने वाले तीनों नेताओं पर लगातार साध रहीं निशाना
बता दें कि 25 सितंबर को हुई CLP मीटिंग में आए अवरोध के बाद से ही दिव्या मदेरणा उस घटनाक्रम और 3 नेताओं को मिले नोटिस के बाद से तीनों नेताओं शांति धारीवाल, धर्मेंद्र राठौड़ और महेश जोशी पर लगातार तीखी बयान दे रही हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष चुने जाने के बाद राजस्थान के नेताओं का खड़गे से दिल्ली मिलने जाने को लेकर भी हमला बोला था।
दिव्या मदरेणा ने कहा था कि “हाईकमान के खिलाफ साजिश वाले लोग सबसे पहले हैं जो कांग्रेस के नए अध्यक्ष को बधाई देने दिल्ली गए हैं. संयोग से खड़गे विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेने जयपुर भेजे गए पर्यवेक्षकों में एक थे, जिन्होंने बाद में अनुशासन समिति को एक लिखित रिपोर्ट सौंपी और जिसके आधार पर नोटिस जारी हुए। समय का फेर है। खड़गे जी के लाख बुलाने पर मिलने तक नहीं आए, विधायक दल की मीटिंग को बॉयकॉट कर समांतर मीटिंग की और यही मुख्य सचेतक और संसदीय कार्य मंत्री प्रतिनिधि बनकर आए तो खड़गे जी के सामने शर्त रखी कि जो फैसला होगा वह 19 अक्टूबर के बाद होगा व हम सिर्फ सोनिया गांधी जी से मिलेंगे.”
महेश जोशी से मिलेंगे खाचरियावास
आज मंत्री महेश जोशी ने प्रेस कांफ्रेंस में खाचरियावास के कहे शब्द गुलाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि हां मैं गुलाम हूं, मैं कांग्रेस का गुलाम हूं, मैं नियमों का गुलाम हूं, मैं सभ्यता से बात करने का गुलाम हूं। जोशी के इस बयान से यह तो साफ है कि उन्हें इस बात की ठेस पहुंची है। लेकिन शायद अब यह बात मंत्री खाचरियावास को भी महसूस हो गई। तभी आज उन्होंने महेश जोशी की पीसी के ठीक बाद प्रेस कांफ्रेंस की।
जिसमें प्रताप सिंह ने कहा कि डॉ महेश जोशी को अगर मेरे शब्दों से ठेस पहुंची, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं, मुझे इस बात का दुख हुआ कि उन्हें मेरी बात से दुख हुआ। वे मेरे बड़े भाई जैसे है। मैं खुद उनके घर जाऊंगा और उसने बात करके इस बारे में माफी मांगूगा। हमारे बीत तनाव जैसा कुछ भी नहीं है। हम इस वक्त मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं न कि उसे कोई मौका देना चाहते हैं।