वृहद पेयजल योजनाओं की तर्ज पर ही अब लघु पेयजल परियोजनाओं के निर्माण के साथ ही रख-रखाव की जिम्मेदारी भी संबंधित कॉन्ट्रेक्टर फर्म को ही देने के प्रावधान किए जाएंगे। हालांकि इसमें वृहद पेयजल परियोजनाओं की तरह दस साल की बजाय तीन साल तक रख-रखाव की जिम्मेदारी परियोजना तैयार कर रही कॉन्ट्रेक्टर फर्म की तय की जाएगी। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में गुरूवार को हुई राज्य जल एवं स्वच्छता समिति की कार्यकारी समिति की बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
परियोजनाओं के 3 साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित फर्म को
बैठक में सदस्यों का मत था कि वृहद पेयजल योजनाओं का रख-रखाव दस वर्ष तक के लिए संबंधित कॉन्ट्रेक्टर फर्म द्वारा ही किया जाता है। इससे फर्म उस परियोजनाओं के कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देती है और विभाग को भी अलग से रख-रखाव के लिए निविदा आमंत्रित करने एवं दूसरी फर्म को हेण्ड ओवर-टेक ओवर कराने की लम्बी प्रक्रिया से छुटकारा मिलता है। इसी प्रकार छोटी पेयजल परियोजनाओं में भी कम समय यानी तीन साल तक रख-रखाव की जिम्मेदारी संबंधित फर्म को देने का प्रावधान होने पर फर्म गुणवत्तापूर्ण कार्य करेगी और परियोजनाओं के निर्माण के साथ ही रख-रखाव संबंधित फर्म ही करेगी तो अलग से ओ एण्ड एम निविदा प्रक्रिया से विभाग को मुक्ति मिलेगी।
समिति अध्यक्ष एसीएस पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल के इस सुझाव पर सहमति जताई और पीएचईडी अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डॉ. सुबोध अग्रवाल ने स्कूलों, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन एवं हेल्थ सेंटर्स में जल कनेक्शन प्राथमिकता एवं तत्परता के साथ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में जल जीवन मिशन के तहत संचालित वृहद एवं लघु पेयजल परियोजनाओं के रख-रखाव, जल जीवन मिशन की वार्षिक कार्य योजना की भारत सरकार एवं वित्त विभाग की स्वीकृति के बारे में जानकारी दी दी गई।
बैठक में ये रहे उपस्थित
बैठक में समिति के सदस्य एवं प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन शिखर अग्रवाल, एमडी जल जीवन मिशन अविचल चतुर्वेदी, स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर (समसा) डॉ. मोहन लाल यादव, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव एच के जुनेजा, डायरेक्टर आईसीडीएस अशोक जोशी, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन) आर. के. मीना, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) दिनेश गोयल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (जल संसाधन) योगेश मित्तल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। डायरेक्टर डब्लूएसएसओ सतीश जैन ने विभिन्न एजेण्डा पर प्रस्तुतिकरण दिया।