दिग्गज टेक कंपनी Google के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एक सप्ताह में ही 113 मिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 936 करोड़ रुपए) का दूसरा जुर्माना लगा दिया है। यह जुर्माना कंपनी पर प्ले स्टोरी की नीतियों को प्रभावित कर अनुचित व्यापारिक व्यवहार करने के लिए लगाया गया है। आयोग ने गूगल को जरूरी डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत करने के लिए 30 दिन का समय भी दिया है। गूगल ने अभी सीसीआई के नए फैसले पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इससे पहले 20 अक्टूबर को भी कंपनी पर सीसीआई ने Android डिवाईसेज मार्केट में अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाते हुए Android ऑपरेटिंग सिस्टम का मिसयूज करने के लिए भी 1,337.76 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। उल्लेखनीय है कि यूजर्स की संख्या के मामले में भारत गूगल का सबसे बड़ा मार्केट है।
सीसीआई ने अपने ताजा आदेश में कहा कि गूगल ऑनलाइन सर्च मार्केट में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए Android OS के ऐप स्टोर की नीतियों को प्रभावित कर रहा है जो कि प्रतिस्पर्धा कानून का स्पष्ट उल्लंघन है। सीसीआई ने कहा, “इन-ऐप डिजिटल सामान की बिक्री ऐप डेवलपर्स के लिए अपनी रचनाओं/नवाचारों का मुद्रीकरण करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। हालांकि, खरीदारी करने वाले उपयोगकर्ताओं को इन-ऐप डिजिटल सामान वितरित करने के लिए, डेवलपर्स को अपने ऐप को कॉन्फिगर करना होगा ताकि डिजिटल सामान की सभी खरीदारी गूगल की भुगतान प्रणाली से हो, जो लेनदेन को संसाधित करती है।”
कंपनी ने अपने प्ले स्टोर के लिए अनिवार्य नियम बनाया है कि ऐप डेवलपर्स को न केवल गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से वितरित/बेचे गए ऐप्स (और ऑडियो, वीडियो, गेम जैसे अन्य डिजिटल उत्पादों) के लिए भुगतान प्राप्त करने के लिए अनिवार्य रूप से गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम (GPBS) का उपयोग करना होगा बल्कि इन-ऐप खरीदारी भी इसी के जरिए करनी होगी। यदि ऐप डवलपर गूगल प्ले स्टोर की GPBS का उपयोग नहीं करते हैं तो उन्हें अपने ऐप्स प्ले स्टोर पर लिस्ट करने की अनुमति नहीं दी जाती और वे अपने यूजर्स के एक विशाल मार्केट को खो देते हैं।
सीसीआई ने अपने आदेश में कहा कि गूगल द्वारा प्ले स्टोर पर GPBS के उपयोग को अनिवार्य बनाना पूरी तरह से कंपनी का मनमाना और एकतरफा नियम है जो ऐप डवलपर्स के हितों को नुकसान पहुंचाता है तथा उन्हें उनके संभावित ग्राहकों तक पहुंचने से रोकता है।
सीसीआई ने गूगल को आदेश देते हुए कहा है कि वह ऐप डेवलपर्स को इन-ऐप खरीदारी या ऐप खरीदने के लिए किसी भी तृतीय-पक्ष बिलिंग/भुगतान प्रसंस्करण सेवाओं का उपयोग करने से प्रतिबंधित नहीं कर सकता और न ही अनुमति देगा। साथ ही साथ Google थर्ड पार्टी बिलिंग/भुगतान संसाधन सेवाओं का उपयोग करने वाले ऐसे ऐप्स के विरुद्ध किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करेगा, और न ही उनके साथ प्ले स्टोर में किसी तरह का भेदभआव किाय जाएगा।