बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ‘सितरंग’ की चपेट में आने से बांग्लादेश के कई हिस्सों में भारी नुकसान होने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तूफान के कारण कम से कम सात लोगों की मृत्यु हो गई और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। देश के आपदा मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष के प्रवक्ता निखिल सरकार के हवाले से बताया गया है कि बरगुना, नारेल, सिराजगंज और द्वीपीय जिले भोला से मौतों की सूचना मिली थी।
सरकार और स्थानीय प्रशासन ने कॉक्स बाजार तट पर हजारों लोगों और पशुओं को सोमवार को तूफान से बचाने के लिए दूसरी सुरक्षित जगहों पर भेज दिया था। मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात ने चटगांव-बरिसाल तट पर रात करीब 9:00 बजे (8:30 बजे IST) लैंडफॉल किया।
सरकार ने शुरू किए राहत कार्य
कॉक्स बाजार के उपायुक्त मामुनूर राशिद ने कहा है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। आस-पास के शैक्षणिक संस्थानों को भी जरूरत पड़ने पर आश्रय के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तैयार रखा गया है। उन्होंने कहा कि जान और संपत्ति की रक्षा के लिए लोगों को आश्रय स्थलों से निकाला जा रहा है और प्रभावित लोगों तक राहत सहायता पहुंचाई जा रही है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि चक्रवात सितरंग कमजोर होकर एक डीप डिप्रेशन में बदल गया है और ढाका से लगभग 90 किमी उत्तर-पूर्व में, अगरतला से 60 किमी उत्तर-उत्तर-पश्चिम में बांग्लादेश के ऊपर 2.30 बजे IST पर केंद्रित है। सिस्टम के अगले तीन घंटों के दौरान कमजोर पड़ने और बाद के छह घंटों के दौरान कम दबाव वाले क्षेत्र में कमजोर होने की संभावना है। बांग्लादेश और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में सितरंग के चलते भारी बारिश और तेज हवाओं के चलने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
देश के पूर्वोत्तर राज्यों में जारी किया रेड अलर्ट
देश के पूर्वी राज्यों यथा अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में आज अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ छिटपुट से लेकर मूसलाधार बारिश होने की के प्रबल आसार बने हुए हैं। बांग्लादेश की सीमा से लगे कम से कम चार मेघालय जिलों में – पूर्व और पश्चिम जयंतिया हिल्स, पूर्वी खासी हिल्स और दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स – प्रशासन ने अधिकारियों को चक्रवात के मद्देनजर मंगलवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया।
त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और दक्षिण असम में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कृषि और बागवानी फसलों सहित खड़ी फसलों को नुकसान होने की आशंका है।
मछुआरों को भी दोपहर तक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों के साथ-साथ बंगाल की उत्तरी खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है। चूंकि चक्रवात सितरंग के पड़ोसी भारतीय राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है, इसलिए एहतियात के तौर पर पश्चिम बंगाल के निचले इलाकों से कई हजार लोगों को निकाला गया और 100 से अधिक राहत केंद्र खोले गए।