Congress President Election : कांग्रेस पार्टी के अध्य़क्ष पद के चुनाव में इतनी मुश्किलें आएंगी इसका अंदाजा शायद किसी को नहीं होगा। पहले अशोक गहलोत के राजस्थान प्रकरण के चलते कांग्रेस पार्टी को अपना उम्मीदवार ही बदलना पड़ा अब जिन्हें गांधी परिवार ने अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है वही खुद को कैंडिडेट बताने से इनकार कर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि गांधी परिवार की तरफ से नियुक्त अध्यक्ष पदके उम्मीदवार नहीं है। उन्होंने बस अपने शुभचिंतको की राय लेकर इस चुनाव में उतरने का फैसला लिया है। खड़गे के इस बयान के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा तेज हो गई है कि अगर मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के उम्मीदवार नहीं है तो फिर कौन है?
सवाल सिर्फ यहीं खत्म नहीं होता क्योंकि इसमें एक और विरोधाभास है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक औऱ बयान में कहा है कि सोनिया गांधी या राहुल गांधी कई बार कह चुके हैं कि वे इस चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं है न ही किसी मामले में कोई हस्तक्षेप करेंगे। वे कांग्रेस के ऑफिशियल कैंडिडेट नहीं है।
खड़गे के बयानों पर गौर किया तो देखेंगे कि वे दोनों ही बातें बोल रहे हैं, एक तरफ उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के ऑफिशियली कैंडिडेट नहीं है गांधी परिवार इस प्रक्रिया में शामिल नहीं है और दूसरी तरफ वे कह रहे हैं कि गांधी परिवार ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है। वे सिर्फ अपने शुभचिंतकों की सलाह पर चुनाव लड़ रहे हैं। आखिर खड़गे कहना क्या चाहते हैं, क्या गांधी परिवार की रजामंदी ही आधिकारिक मानी जाती है। अगर नहीं तो क्यों उन्हें कांग्रेस का आधिकारिक उम्मीदवार कहकर प्रचारित किया जा रहा है। खड़गे अपने बयानों पर सफाई देते-देते इन सवालों के जंजाल में खुद फंसते नजर आ रहे हैं।
अब सवाल यह कि आखिर अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस का ऑफिशियल कैंडिडेट कौन है। क्या राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ही कांग्रेस के आधिकारिक अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थे। क्योंकि यह सभी को पता है कि सीएम अशोक गहलोत ही कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए पूरे गांधी परिवार की पहली पसंद थे। वे गांधी परिवार के काफी करीबी हैं उन्होंने राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा के बीच अध्यक्ष चुनाव के लिए बातचीत भी की थी। लेकिन राहुल गांधी के खुद अध्यक्ष के चुनाव लड़ने से मना करने और अशोक गहलोत को ही अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाने की बात पर कांग्रेस ने अध्यक्ष पद पर अशोक गहलोत के नाम की घोषणा की थी। लेकिन राजस्थान प्रकरण के बाद यह हो ना सका और कांग्रेस को अध्यक्ष के लिए किसी दूसरे चेहरे की तलाश करनी पड़ी।
कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे का नामांकन खुद अशोक गहलोत ने जाकर करवाया था, औऱ कल ही मुलायम सिंह यादव के निधन पर कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर सैफई जाने के लिए पर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम घोषित किया गया था। यह सब बातें बताती हैं कि खड़गे ही कांग्रेस के ‘विशेष’ प्रतिनिधि है। लेकिन इसके बावजूद खड़गे के ये विरोधाभासी बयान अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की सहमति पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
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