Investor summit : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार की तरफ से किए जा रहे इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 की थीम कमिटेड डिलिवर्ड रहेगी। सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर इस समिट की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योगपतियों को निवेश करने के लिए कई तरह की छूट दी जा रही हैं। लेकिन किसी भी स्तर का उद्योगपति हो, उसे प्रदेश के नियम कायदों में ही इन्वेस्टमेंट करने की अनुमति होगी, चाहे वो गौतम आडाणी ही क्यों नहीं हो। मुख्यमंत्री ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में 3000 प्रतिभागी भाग लेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि समिट से पूर्व नवम्बर, 2021 से सितम्बर, 2022 के मध्य अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर रोड शो आयोजित किए गए थे। राज्य सरकार ने 10.44 लाख करोड़ रुपए के 4,192 एमओयू और एलओआई साइन किए हैं।
निवेश आकर्षित करना मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि समिट का उद्देश्य निवेश को आमंत्रित करना व इन अवसरों का व्यापक प्रचार कर नए निवेश को आकर्षित करना है। इससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि सात अक्टूबर को पूर्वाह्न में कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में उदघाटन सत्र आयोजित किया जाएगा। उदघाटन सत्र के उपरान्त एन.आर.आर., पर्यटन, स्टार्टअप, फ्यूचर रेडी सेक्टर, एग्री बिजनेस पर समानान्तर सेक्टोरल कॉनक्लेव आयोजित किए जाएं गे। उन्होंने आगे कहा कि समानान्तर सेक्टोरल सत्रों में उस सेक्टर से संबंधित विशिष्ट व्यक्तियों को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। समिट के अंतर्गत आयोजित होने वाला प्रत्येक सत्र अपने आप में भिन्न होगा, जो कि एक विकसित राजस्थान की छवि को प्रदर्शित करेगा। द्वितीय दिवस, 8 अक्टूबर को एम.एस.एम.ई. कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी। इसके अन्तर्गत एम.एस.एम.ई. क्षेत्र को और अधिक विकसित किए जाने एवं इस क्षेत्र में उपलब्ध नई निवेश संभावनाओ पर चर्चा की जाएगी।
32 परियोजनाओ के कस्टमाइज्ड पैकेज मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 1.42 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए 32 परियोजनाओं के कस्टमाइज्ड पैकेज की मंजूरी दी है। इससे प्रदेश में 32 हजार से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री निवास पर रविवार को बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट की तीसरी बैठक में कहा कि राज्य सरकार निवेश में आने वाली बाधाओं को दूर करने लिए प्रतिबद्ध है।
ऊर्जा सेक्टर में ज्यादा निवेश
सीएम गहलोत ने बताया कि प्रस्तावित निवेश में 57 प्रतिशत भागीदारी के साथ ऊर्जा सेक्टर मुख्य सेक्टर के रूप में उभर कर आया है। इसके अतिरिक्त के मिकल्स एवं पेट्रो के मिकल्स 18.2 प्रतिशत, टेक्सटाइल 9.5 प्रतिशत, पेट्रोलियम एवं गैस 5.9 प्रतिशत, सीमेन्ट 4.6 प्रतिशत और टेक्सटाइल की 3.4 प्रतिशत हिस्दारी है।
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