Congress President : नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। सुत्रों से मिल रहीं जानकारी के मुताबिक, खड़गे ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। इस्तीफा देने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस के एक नेता एक पद के नियम के तहत उन्होंने यह कदम उठाया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा दे सौंपा है। बता दें कि उदयपुर में हुए कांग्रेस चिंतन शिविर में ये फैसला लिया गया था कि कोई भी व्यक्ति पार्टी में दो पदों पर नहीं होगा। यानी दूसरे पद से पहले किसी भी नेता को अपने मौजूदा पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।
तीसरे उम्मीदवार का नामांकन रद्द, खड़गे vs थरूर हुआ चुनाव
कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में खड़गे, शशि थरूर और के.एन.त्रिपाठी ने शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल किए। लेकिन तीसरे उम्मीदवार के.एन. त्रिपाठी की नामांकन रद्द हो गया है। अब यह चुनाव खड़गे vs थरूर हो गया है। कांग्रेस के पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर खड़गे ही उभरे हैं। जिसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को अपना नामांकन दर्ज कराया था। बता दे, कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। खड़गे ने डेढ़ साल पहले फरवरी 2021 में राज्यसभा में नेता विपक्ष का पद संभाला था। पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा देना ही होगा।
सीएम गहलोत सहित कई दिग्गज बने खड़गे के प्रस्तावक
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ नामांकन पत्रों के 14 सेट जमा किए। उनके प्रस्तावकों में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, ए के एंटनी, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक सहित कई नेता शामिल है। इसके अलावा उनके प्रस्तावकों में पृथ्वीराज चव्हाण, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी जैसे नेता भी है जो पार्टी में बदलाव की मांग उठाने वाले नेताओं के समूह जी-23 में शामिल है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया धन्यवाद
मल्लिकार्जुन खड़गे ने नामांकन के बाद कहा, मुझे सभी नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रमुख राज्यों के प्रतिनिधियों ने चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं जो नामांकन पत्र दाखिल करने के समय मेरे साथ थे। जब नेताओं ने नामांकन दाखिल किए, उस उसमय गांधी परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद नहीं था और मिस्त्री ने कहा कि गांधी परिवार इस मुकाबले में तटस्थ है।
गांधी परिवार के करीबी हैं खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार के भरोसेमंद माना जाता है, जिसको लेकर समय-समय पर उन्हें पाटीर् की ओर से वफादारी का इनाम भी मिलता रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे को साल 2014 में लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया। वहीं लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 2020 में राज्यसभा भेज दिया। इसके बाद साल 2021 में गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बना दिया।
साल 1972 में पहली बार विधायक बने खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था। खड़गे ने अपनी स्कूली शिक्षा गुलबर्गा के नूतन विधालय में पूरी की और गुलबर्गा के सरकारी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने गुलबर्गा के ही सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से वकालत की डिग्री ली। मल्लिकार्जुन खड़गे साल 1972 में कर्नाटक की गुरमीतकल असेंबली सीट से विधायक बने। मल्लिकार्जुन खड़गे गुरमीतकल सीट से 9 बार विधायक चुने गए। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने विभिन्न विभागों में मंत्री का पद भी संभाला।
(कंटेंट- संजय जायसवाल)
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