ओबीसी आरक्षण : धरना-प्रदर्शन कर सरकार को चेताया, 2 दिन का अल्टीमेटम

राजस्थान में ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को लेकर शुक्रवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन किया गया। ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर…

ओबीसी आरक्षण: जयपुर में 30 सितंबर को महापड़ाव

राजस्थान में ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को लेकर शुक्रवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन किया गया। ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले हुए इस धरने में अपनी ही सरकार के खिलाफ पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब चुनाव के प्रभारी रहे हरीश चौधरी भी शामिल हुए। संघर्ष समिति की मांग है कि भाजपा सरकार के समय 17 अप्रैल, 2018 को कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश में संशोधन करें, रोस्टर प्रणाली को सही से लागू किया जाए। साथ ही पूर्व भर्तियों में हुए नुकसान के लिए बैकलॉग भर्ती निकाले, ताकि ओबीसी के युवाओं के साथ न्याय  हो सके।

विधायकों ने उठाई आवाज  

कई विधायकों ने ओबीसी अभ्यर्यों की मांग को जायज ब थि ताते हुए सरकार से मांग की है। आरक्षण की विसंगतियों को शीघ्र दूर करने के लिए दो दर्जन से ज्यादा विधायक मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। जयपुर में हुए धरने मेंबाड़मेर के बायतू से विधायक हरीश चौधरी के साथ बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव भी शामिल हुए, वहीं राजस्थान जाट महासभा प्रदेशाध्यक्ष और किसान नेता राजाराम मील सहित कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन 2018 में सरकार के कार्मिक विभाग ने ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित कर दिया, जिससे भूतपूर्व सैनिक इस पूरे कोटे का लाभ उठा रहे हैं और ओबीसी वर्ग के अन्य अभ्यर्यों को मौका थि नहीं मिल पा रहा है। विभाग ने भर्तियों को लेकर जो उपनियम बनाए हैं, उन्हें वापस लिया जाए और भूतपूर्व सैनिकों का कोटा अलग से निर्धारित किया जाए जो ओबीसी वर्ग के 21 फीसदी आरक्षण से अलग हो। 

तीन माह से आंदोलन जारी

ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दर करने की मांग को लेकर प्रदेश में पिछले तीन महीने से आंदोलन चल रहा है।विसंगतियां दूर नहीं होने पर युवाओ में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण बहाल करने और विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में ओबीसी से जुड़े युवा जयपुर पहुंचे। इससे पहले प्रदेश के जिलों में कई सभाएं हुईं और उसके बाद जयपुर में धरना प्रदर्शन शुरू किया। युवाओं का कहना है कि ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों की वजह से ओबीसी के मूल अभ्यर्यों थि को सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है। 21 प्रतिशत आरक्षण के बावजूद शून्य पद ओबीसी के रह रहे हैं। संघर्ष समिति के इस धरने में गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश चौधरी भी शामिल हुए।

सीएमओ में अफसरों से वार्ता 

जयपुर में ओबीसी वर्ग के धरना-प्रदर्शन और कांग्रेस विधायक के धरने में शामिल होने के बाद ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति को वार्ता के लिए सीएम ऑफिस बुलाया गया, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कु लदीप रांका को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान विधायक हरीश चौधरी, विधायक बलजीत यादव, किसान नेता राजाराम मील, सरकारी अफसरों में डीओपी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेमंत गेरा और सीएमओ में कार्यरत आईएएस आरती डोगरा मौजूद रहे।

दो दिन का दिया समय सीएमओ में वार्ता के बाद राजाराम मील ने कहा कि ओबीसी में आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर पिछले कई महीनों में हर जिले में आंदोलन हो चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी सरकार सुनवाई नहीं कर रही। उन्होंने सरकार को समाधान के लिए दो दिन का समय दिया है। अगर सरकार उचित समाधान नहीं निकालती है तो किसान आंदोलन की तरह शहीद स्मारक पर हजारों की संख्या में ओबीसी वर्ग धरना देंगे।

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