Jaipur : केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 केतहत स्कूलों में भौतिक संसाधनों को बढ़ाने के साथ के बच्चों की बुनियाद को और मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा निति के तहत देश भर में 14,500 स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाया जा रहा है। पीएम श्री योजना (प्राइम मिनिस्टर स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत राजस्थान में 716 स्कूलों का विकास और उन्नयन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को योजना की शुरुआत की थी। इसमें नवीनतम तकनीक, स्मार्ट क्लास, खेल और आधुनिक अवसंरचना पर ध्यान दिया जाएगा।
राज्य में 1500 करोड़ होंगे स्कूलों पर खर्च
पीएमश्री योजना कें द्र सरकार द्वारा 2022-23 से 2026-27 तक के लिए मंजूर हुई है। सरकार ने 5 वर्ष के लिए 27360 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है । राजस्थान के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित हुआ है। इसमें 716 स्कू लों का चयन कर उनमें नवीनतम तकनीक, स्मार्ट क्लास, खेल, आधुनिक अवसंरचना पर खर्च होंगे। साथ ही स्कू लों में बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। राजस्थान में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मुरारी लाल शर्मा, अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा को नोडल अधिकारी बनाया गया ह
प्रत्येक ब्लॉक से दो स्कूलों का चयन
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया कि पीएमश्री योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक से दो विद्यालयों का चयन किया जाएगा। इसमें एक विद्यालय प्रारम्भिक शिक्षा व एक विद्यालय माध्यमिक शिक्षा का शामिल किया जाएगा। स्कू लों के चयन की प्रक्रिया त्रिस्तरीय रखी गई है। जिसमें यू-डाईस प्लस डाटा के आधार पर विद्यालयों का चयन होगा। निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले विद्यालय चयनित होंगे। विद्यालयों द्वारा ऑनलाइन चैलेंज पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया जाएगा। स्कू लों के लिए आवेदन पोर्टल 1 अक्टूबर से शुरू होगा। प्राप्त आवेदनों में मापदंड पूरा करने वाले स्कू ल का चयन किया जाएगा। इन स्कू लों का भौतिक सत्यापन राज्य द्वारा किया जाएगा।
स्कूलों में ये बढ़ेंगी सुविधाए
पीएमश्री योजना के तहत संचालित होने वाले स्कूलों में एक समान, समावेशी और आनंदमय वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने का काम किया जाएगा। बच्चों को विभिन्न परिस्थितियों और भाषाओ में शैक्षणिक क्षमताओ का विकास किया जाएगा।स्कूल अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य स्कूलों को मेंटरशिप प्रदान करके उसका नेतृत्व करेंगे।स्कूलों को ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें सौर पैनल और एलईडी लाइट, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त, जल संरक्षण और संचयन, पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित परंपराओं का अध्ययन जैसे पर्यावरण के अनुकूल पहलुओं को शामिल किया जाएगा।
विवेकानंद स्कूलों की हुई दुर्दशा केंद्र सरकार द्वारा देश भर में 2015-16 में स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल योजना शुरू की गई। प्रदेश में योजना के तहत 200 स्कूलों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन बजट के अभाव में स्कूलों का विकास रुका हुआ है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से प्रदेश भर में इन स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कें द्र सरकार द्वारा योजना में स्कूलों के रख-रखाव, मैनपावर सहित विकास के लिए 60 फीसदी राशि वहन की जाती है, लेकिन 2021 के बाद से केंद्र सरकार द्वारा बजट नहीं दिया जा रहा है।
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