Jaipur : राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वैच्छिक संगठनों और आमजन से निक्षय मित्र के तौर पर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में जुड़कर अधिकाधिक टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि अभियान के प्रभावी संचालन के लिए शुक्रवार को राजभवन में बुलाई बैठक में स्वयं निक्षय मित्र बनकर टीबी (क्षय) रोगियों को गोद लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजभवन में भी शुक्रवार से टीबी उन्मूलन प्रकोष्ठ ने सक्रिय रूप में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
टीबी उन्मूलन के लिए रणनीति बनाकर कार्य करने की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि विश्व में टीबी उन्मूलन के लिए वर्ष 2030 का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने 2025 तक टीबी की बीमारी को हराने का संकल्प लिया है। इसी के अनुरूप राजस्थान में भी हमें रणनीति बनाकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीबी रोग उन्मूलन के कार्यों के साथ-साथ समुचित पोषाहार के लिए भी हमें प्रतिबद्ध होकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि टीबी मरीज के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। मरीज को यदि पौष्टिक आहार मिले तो उस पर दवाइयों का असर जल्दी होता है और वह शीघ्र ठीक होकर स्वस्थ जीवन जीने लगता है।
लक्ष्य को करना होगा हासिल
राज्यपाल ने कहा कि टीबी सिर्फ एक शारीरिक रोग ही नहीं है, बल्कि यह मानसिक, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर भी हर तरह से मरीज को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में हीनता भाव को समाप्त करते हुए उसे मानसिक संबल देने के लिए सभी स्तरों पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी गरीब-अमीर, स्त्री-पुरुष और किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकती है, इसलिए हमें भी साथ मिलकर टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लेना होगा।
इस साल एक लाख 22 हजार टीबी मरीज चिह्नित स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने क्षय रोग उन्मूलन के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। राज्य क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. विनोद गर्ग ने बताया कि राज्य में इस वर्ष अब तक एक लाख 22 हजार टीबी मरीज चिन्हित किए गए हैं और 74 हजार 850 मरीजों ने निक्षय संबल योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए सहमति प्रदान की है। प्रदेश में करीब 38 हजार मरीजों को 245 निक्षय मित्रों से जोड़ा गया है।