आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok gehlot) जयपुर के दूदू में ग्रामीण ओलंपिक का अवलोकन करने गए थे, लेकिन यहां पर दूदू विधायक और अशोक गहलोत के सलाहकार बाबूलाल नागर ने जनता को ऐसी सलाह दे दी जो अब राजस्थान की राजनीति में बड़ा मुद्दा बनने वाला है। दरअसल बाबू लाल नागर ने जनता को चेतावनी देते हुए शब्दों ने कहा कि राजस्थान में सिर्फ दो ही नारे लगाए जाएंगे, एक राजीव गांधी अमर रहे और दूसरा अशोक गहलोत जिंदाबाद! अगर इन दो नारों के अलावा कोई तीसरा नारा सुनाई दिया तो उसे जेल की हवा खानी पड़ेगी।
बाबू लाल नागर के इस बयान को कल अजमेर के पुष्कर में हुए किरोड़ी लाल बैंसला की अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) की जनसभा में उन पर फेंके गए जूते और सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे को लेकर मचे सियासी हुड़दंग से जोड़कर देखा जा रहा है। इसी कार्यक्रम में जब शकुंतला रावत के भाषण देने का नंबर आया तब भी भीड़ ने सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाए थे, हालांकि शकुंतला रावत (Shakuntala Rawat) ने अपना भाषण पूरा कर लिया था।
‘अगर मैं लड़ने पर आया तो एक भी नहीं बचेगा’
अशोक चांदना (Ashok chandna) पर फेंके गए जूते के मामले ने राजस्थान में नई ‘जूता पॉलिटिक्स’ को जन्म दे दिया है। कल पुष्कर की जनसभा में हुए इस हुड़दंग के बाद अशोक चांदना इतने ज्यादा आहत हुए थे कि उन्होंने अपना भाषण भी नहीं दिया था औऱ ट्विटर पर जमकर अपनी भड़ास निकाली थी। इसमें उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी कूद पड़े थे दोनों के बीच जमकर ट्विटर वॉर छिड़ा था। अशोक चांदना ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर सचिन पायलट जूते फिंकवाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठनै चाहते हैं तो वह बन जल्दी मुख्यमंत्री बन जाएं। क्यों कि मैं अगर लड़ने पर आ गया तो फिर यहां एक भी नहीं बचेगा।
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