मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए राजस्थान अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियम, 2022 की अधिसूचना जारी करने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। राज्य सरकार ने केन्द्र के इस कानून को लेकर नए नियम बना लिए है। इन नए नियमों के लागू होने से जहां फर्जी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों पर सख्त कार्रवाई हो सकेगी। वहीं निवेशकों के फंसे पैसों को भी वसूल करने के लिए सख्त एक्शन लिए जा सकेंगे। नए नियम में निवेक्षकों का पैसा वसूल करने के लिए सोसाइटियों और उनके कर्ता-धर्ताओं की संपत्ति को कुर्क करने का भी प्रावधान है।
अकेले आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर ही 7 हजार करोड़ रुपए की देनदारी
राजस्थान में केंद्र व राज्य सरकार के सहकारिता विभाग से बाकायदा लाइसेंस लेकर कारोबार करने वाली कई सोसाइटियां एक लाख से अधिक लोगों के 18 अरब रुपए हड़प कर बैठी हैं। सहकारिता विभाग को अब तक ऐसी 92,043 शिकायतें मिली हैं। इनमें 17,96,80,65,337 रुपए डूब जाने की बात सामने आई है। कई राज्यों में अकेले आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर ही 7 हजार करोड़ रुपए की देनदारी है। हालत यह है कि कई निवेशकों की तो मौत हो चुकी है।
पुलिस कार्रवाई बेहद धीमी
रकम डूबने के बाद कई निवेशक सहकारिता विभाग में शिकायत देते हैं। इनमें एफआईआर नहीं होती। कई निवेशक पुलिस थानों में ठगी का मामला दर्ज करवाते हैं, लेकिन इस संबंध में कोई सख्त और सीधा कानून नहीं होने के कारण मामलों में पुलिस कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी है। न तो पुलिस ऐसे मामलों में निवेशकों का पैसा वापस दिला पाती है और न ही किसी तरफ की कोई कार्रवाई कर पाती है।
फरवरी, 2019 से लागू होगा कानून
नए कानून के पारित होने के बाद अब निवेशकों को राहत रहेगी। कानूनी कार्रवाई में भी सख्त हो सकेगी, लेकिन पूर्व के निवेशकों को इस कानून का लाभ नहीं मिल सकेगा। केन्द्र सरकार ने फरवरी, 2019 में इस कानून को पारित किया था, तब ही से यह लागू माना जाएगा। केन्द्र ने इस कानून को लेकर राज्य सरकार को अपने हिसाब से नियम बनाने के निर्देश दिए थे।
मल्टी स्टेट सोसाइटियों पर बस नहीं
मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव के घोटालों के मामले में राज्य सरकार कार्रवाई करने में विफल रहती थी। यह उनके दायरे में नहीं आती थी। इसे लेकर सीएम अशोक गहलोत ने सोसाइटियों पर कार्रवाई के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को अपने क्षेत्राधिकार वाली मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव के घोटालों से भविष्य में आमजन के बचाव के लिए सोसाइटियों पर रोक के लिए पत्र भी लिखा था।