जानिए कौन थे बाबा श्याम के संदेश को देश के कोने-कोने तक पहुंचने वाले आलू सिंह महाराज, आज मंदिर में क्या है विशेष

KhatuShyam Ji: प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटूश्याम में रोजाना लाखों भक्त आते हैं और बाबा श्याम के दर्शन करते हैं. दिनों दिन बाबा श्याम की महता…

WhatsApp Image 2024 09 30 at 11.33.56 PM | Sach Bedhadak

KhatuShyam Ji: प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटूश्याम में रोजाना लाखों भक्त आते हैं और बाबा श्याम के दर्शन करते हैं. दिनों दिन बाबा श्याम की महता और अधिक बढ़ती जा रही है. देश के कोने कोने में बाबा के भजन कीर्तन का आयोजन हो रहा है. वहीं अनेकों प्रसिद्ध गायक कलाकार बाबा श्याम के भजन गा रहे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बाबा श्याम की प्रसिद्धि को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने की शुरुआत किसने की होगी और बाबा श्याम का सबसे अनन्य भक्त किसे कहा जाता है. इन दोनों बातों के बारे में आज हम आपको बताएंगे.

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बाबा श्याम के कीर्तन और भजनों के माध्यम से खाटूश्याम जी घर-घर तक पहुंचे हैं. सर्वप्रथम इसकी शुरुआत खाटूश्याम जी के अनन्य भक्त आलू सिंह चौहान ने की थी. इन्होंने ही बाबा श्याम को देश के कोने कोने में भजन- कीर्तन के माध्यम से प्रसिद्धी दिलाने में अपना योगदान दिया था. इसी वजह से आज भी मंदिर की आरती के समय बजने वाले भजनों में इनका नाम लिया जाता है. इसके अलावा आलू सिंह महाराज को ही बाबा श्याम का सबसे प्रिय भक्त होने की उपाधि भी मिली हुई है. आलू सिंह महाराज ने अपने भजनों और कीर्तन के माध्यम से देश के कोने-कोने में जाकर बाबा श्याम के बारे में लोगों को बताया उसके बाद से धीरे-धीरे लोग बाबा श्याम के मंदिर में आने लगे.

श्याम बगीचे में होती है आलू सिंह महाराज की पूजा

आलू सिंह महाराज के पुत्र मोहन दास महाराज ने बताया कि उनके स्वर्गवास के बाद मंदिर परिसर क्षेत्र में बनी श्याम बगीची में उनका मंदिर बनाया गया है. इसी बगीची से उन्होंने बाबा श्याम के भजन कीर्तन करना शुरू किए थे. बगीची में रोजाना आलू सिंह महाराज की पूजा होती है. बाबा श्याम के दर्शन करने वाले अनेकों भक्त श्याम बगीची में आकर आलू सिंह महाराज के मंदिर में बैठते हैं और श्याम जप करते हैं. अब आलू सिंह महाराज के बाद उनके पुत्र मोहनदास महाराज श्याम बाबा की विधि विधान से पूजा अर्चना और सेवा कर रहे हैं. इसके अलावा आलू सिंह महाराज के पौत्र जितेंद्र सिंह चौहान और श्याम सिंह चौहान बाबा श्याम की बाबा श्याम के मुख्य मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं.

एक अक्टूबर को है आलू सिंह महाराज की पुण्यतिथि

जितेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि भक्त शिरोमणि आलू सिंह महाराज की 35 वी पुण्यतिथि पर 1 अक्टूबर को है. इस दिन श्याम बगीची में भजन संध्या और 2 अक्टूबर को विशाल भंडारा का आयोजन किया जाएगा. भजन संध्या में देश के जाने माने गायक कलाकार आयेंगे. 

बगीची के फूलों से होता है बाबा श्याम का श्रृंगार

बाबा श्याम को रोजाना फूलो से सजाया जाता है. हर भक्त बाबा श्याम के सिंगर के दर्शन कर मनमोहित हो जाता है. आलू सिंह महाराज की पुरानी परंपरा के अनुसार श्याम बगीची में लगे विभिन्न प्रकार के फूलों से बाबा श्याम का श्रृंगार किया जाता है. बाबा श्याम का श्रृंगार सुबह और शाम को होता है. लेकिन कुछ साल पहले मंदिर में बगदाद के दौरान तीन महिलाओं की हुई मौत के बाद प्रशासन ने इस बगीचे को ताला लगा दिया. ताले लगने से बाबा श्याम के श्रृंगार के लिए फूल लाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है. फूलों में पानी देने के लिए ट्यूबवेल से पानी निकाला जाता है लेकिन खराब हो जाने की स्थिति में वाहन वहां अंदर नहीं आ पाता है.