संजीवनी मामले में शेखावत को क्लीन चिट के बाद शेखावत ने कहा आखिरकार सत्य की हुई जीत

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत आज सडक मार्ग के द्वारा जयपुर से जोधपुर पहुंचे. सडक मार्ग से जोधपुर पहुंचे गजेन्द्रसिंह शेखावत थोडी देर बाद पूर्व विधायक…

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केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत आज सडक मार्ग के द्वारा जयपुर से जोधपुर पहुंचे. सडक मार्ग से जोधपुर पहुंचे गजेन्द्रसिंह शेखावत थोडी देर बाद पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास के निवास पर पहुंचे जहां पर शोक व्यक्त करने के साथ ही शेखावत ने पुष्पांजलि अर्पित की. परिवारजनों से मुलाकात करने के साथ ही ढाढस बंधाने का काम शेखावत ने किया. शेखावत ने कल ट्विट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की थी. साथ ही सूर्यकांता व्यास के पौते योगेश व्यास को चार्टर के जरिए जोधपुर लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने सूर्यकांता व्यास के पुत्र शिवकुमार व्यास से विस्तार से जानकारी भी ली. इससे पहले केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने अपने निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आखिरकार संजीवनी मामले में सच्चाई की जीत हुई है. शुरू से ही में कह रहा था कि इस पूरे मामले को लेकर के बदले की भावना से कांग्रेस सरकार द्वारा इस तरह के आरोप लगाए जा रहे थे जो आज सभी के सामने साफ हो चुका है.

इस पूरे मामले का सच है सभी के सामने,शेखावत

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुझ पर जो आरोप लगाए गए वह निराधार रहे और फोन टैपिंग मामले को लेकर जिस तरह एक के बाद एक पूरे मामले का सच पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा उजागर कर रहे हैं उसके आगे कुछ कहने की आवश्यकता नहीं बच जाती. उन्होंने कहा कि पूरे मामले को लेकर सच्चाई की जीत हुई है मेरी दिवंगत माताजी को लेकर भी आरोप लगाए गए मेरी परिवार पर इस पूरे मामले को लेकर आरोप लगाए गए लेकिन मैं आज भी इस बात को लेकर संकल्पबद्ध हूं कि जो भी संजीवनी सेविंग में पीड़ित है उनको न्याय दिलाने के लिए पहले की तरह आज भी तैयार हूं.

हाईकोर्ट से शेखावत को मिल चुकी क्लीन चिट

संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान हाईकोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है. अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) की ओर से दी रिपोर्ट में भी कहा गया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. दरअसल, शेखावत की ओर से दायर याचिका में एफआईआर के साथ-साथ जांच को भी रद्द करने को लेकर मांग की गई थी. 17 सितंबर 2024 को जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच ने मामले में अंतिम आदेश पारित करते हुए AAG को इस सवाल का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया कि ‘क्या एसओजी गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का इरादा रखती है.मामले में AAG की ओर से बुधवार को एक विस्तृत रिपोर्ट दायर की गई. इसमें कहा गया- गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है और कंपनियों में निदेशक के रूप में उनके इस्तीफे के बाद किए गए अपराधों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. ऐसे में बुधवार को कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए निर्देश दिया कि AAG की ओर से पेश रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है.

सत्य की एक बार फिर हुई जीत

आदेश के बाद उस वक्त शेखावत ने कहा था कि मैंने पहले भी कहा था कि सत्य को बादलों के आवरण से ढकने और कालिख पोतने की कोशिश की जा सकती है. लेकिन, अंत में सत्य सामने आता है. झूठ खड़ा करने का षड्यंत्र, अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति और बेटे की हार से उत्पन्न खीझ की मानसिकता के चलते मुझे घसीटने की कोशिश की गई थी. आज न्यायालय ने उस पर अपना फैसला सुनाते हुए एसओजी की जांच को रद्द कर दिया है. वहीं, यह भी कहा है कि आगे न्यायालय की अनुमति के बिना जांच नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा- एक बार फिर सत्य जीता है. वहीं, ऐसी घटिया मानसिकता, जिसके जरिए किसी व्यक्ति के चरित्र हरण करने का प्रयास किया गया.