जयपुर: देशभर में आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर भारत बंद का आह्वान किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी वर्ग से क्रीमी लेयर को बाहर करने और इस वर्ग को उपवर्गीकृत करने के विरोध में 21 अगस्त को सोशल मीडिया पर भारत बंद ट्रेंड कर रहा है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और राज्य सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने भारत बंद के इस संदेश के साथ विपक्ष पर जोरदार हमला किया है।
विपक्ष के भ्रम में ना आए- मेघवाल
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि क्रीमी लेयर सुप्रीम कोर्ट में एक ऑब्जर्वेशन था, फैसला और ऑब्जर्वेशन अलग-अलग हैं। विपक्ष भ्रम फैला रहा है। राहुल गांधी और खड़गे जानबूझकर विवाद फैला रहे हैं। एससी और एसटी वर्ग से अपील है कि वे विपक्ष के भ्रम में न आएं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बोले- सुप्रीम कोर्ट ने अब कहा है कि भारतीय संविधान के अनुसार अनुसूचित जातियों का वर्गीकरण या समावेश अनुच्छेद 341 में लिखा है। इसमें राज्य चाहे तो सभी श्रेणियां बना सकता है। यह अधिकार राज्य को दिया गया है। इसमें शर्त है कि राज्य ऐसा करने से पहले आंकड़े एकत्र करेगा।
यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एक हिस्सा है, लेकिन विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने इस पर विवाद खड़ा कर दिया है। कोर्ट में एक अवलोकन होता है, दूसरा निर्णय होता है। आपत्ति को टिप्पणी और फैसले को निर्णय कहते हैं। क्रीमी लेयर मामला अवलोकन है, फैसला नहीं। विपक्ष इसके जरिए भ्रम फैला रहा है। कांग्रेस ने आरक्षण को लेकर पहले भी गुमराह करने की कोशिश की है, लेकिन मेरी अनुसूचित और जनजाति वर्ग से अपील है कि वे विपक्ष के बहकावे में न आएं। भारत सरकार संविधान के विपरीत कोई फैसला नहीं लेने जा रही है।
सरकार संविधान की अवधारणा के खिलाफ कुछ नहीं करेगी- गहलोत
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार संविधान की अवधारणा के खिलाफ कुछ नहीं करेगी। राज्य सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री से बातचीत की गई है। साथ ही एसटी एससी संगठनों से भी बातचीत की जा रही है। सभी से अपील की गई है कि वे भ्रमित न हों।
आगे उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी, हम उसके साथ खड़े रहेंगे। संविधान किसी भी वर्ग के भीतर वर्गीकरण की बात नहीं करता। हमारी सरकार एसटी-एससी वर्ग के लोगों और उनकी भावनाओं का सम्मान करती है। यह मानकर चलें कि हमारी सरकार संविधान की अवधारणा के खिलाफ कुछ नहीं करेगी। बता दें कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग से क्रीमी लेयर को बाहर करने और इस वर्ग के उप वर्गीकरण के मुद्दे को लेकर 21 अगस्त को भारत बंद का मैसेज सोशल मीडिया पर चल रहा है।