Rajasthan Politics: जयपुर। कांग्रेस वर्किंग कमेटी सदस्य और बागीदौरा (बांसवाड़ा) विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीय के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने की चर्चाओं पर अब सियासी पलटवार शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मालवीय पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। डोटासरा और जूली ने मालवीय पर भी तल्ख कमेंट किए हैं।
डोटासरा ने कहा- कोई जाए, कोई फर्क नहीं पड़ता है। वो किस उद्देश्य को लेकर जा रहे हैं, किस दबाव में रहे हैं, किस लालच में जा रहे हैं, यह सब समय आने पर खुलासा हो जाएगा। जो कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास करके और कांग्रेस को मां कहकर एमपी बने, पांच-पांच बार विधायक बने, उनकी पत्नी जिला प्रमुख बनीं, खुद दो बार कैबिनेट मंत्री बने, विभिन्न विभाग उनके पास रहे। आज इस उम्र में जाकर यह कह रहे हैं कि मेरी मां गद्दार निकली, तो इससे ज्यादा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता है।
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एक बार कहते तो नेता-प्रतिपक्ष बना देता: जूली
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष बनने की बात पर ही मालवीय गए हैं तो मैं तो पहले भी उन्हें बनाने को तैयार था, वो एक बार कहते तो सही। जब जाने का मन होता है तो ऐसे ही ठीकरा दूसरे पर फोड़ा जाता है। रही बात मेरे काम की तो मैं मेरा काम भली-भांति जानता हूं। जो नेता प्रतिपक्ष का काम होता है वह मैंने किया, उससे मुझे किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, वह सर्टिफिकेट मेरी पार्टी और राजस्थान की जनता देगी। आज जिस तरह भाजपा आने वाले चुनाव को लेकर बौखलाहट में हैं। उनको लग रहा है कि वो नहीं जीत रहे हैं, इसलिए कांग्रेस के नेताओं को चुन-चुन कर बुला रहे हैं, कहीं न कहीं दबाव में हैं, तभी कांग्रेस नेताओ को बीजेपी में लेकर जा रहे हैं।
सोनिया की फॉर्म को लेकर बीजेपी ने अपनी पुरानी परंपरा निभाई
वहीं सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा के नामांकन पर आई आपत्ति पर डोटासरा ने भाजपा पर निशाना साधा। गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सोनिया गांधी की फॉर्म को लेकर बीजेपी की ओर से एक आपत्ति आई थी। जिसमें कहा गया है कि सोनिया गांधी की जो पैतृक संपत्ति है उसका एड्रेस नहीं दिया गया है। हालांकि, आयोग ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। डोटासरा ने कहा कि सोनिया गांधी जब भी सांसद का चुनाव लड़ती है तो ऐसी आपत्ति जताई जाती है।
बीजेपी अपनी पुरानी परंपरा को निभा रही है। उन्हें केवल सवाल खड़ा करना था जिससे वह कह सकें की सोनिया गांधी के पास इटली में प्रॉपर्टी है तो इसके लिए वह करते रहते हैं। जबकि सोनिया गांधी का जन्म इटली में हुआ उनके माता-पिता वहां थे और उनकी पैतृक संपत्ति वहां है तो इसमें क्या कहना है जब पैतृक संपत्ति है तो उन्हें शेयर मिलेगा ही।
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