नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान पूरा हो गया है। 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है। रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। श्रीराम के प्रथम दर्शन हो गए हैं। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह में मोदी पहुंचे और उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा पूजा के लिए संकल्प लिया। फिर पूजा शुरू की। पीएम ने ही रामलला की आंख से पट्टी खोली और कमल का फूल लेकर पूजन किया। रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं। उन्होंने हाथों में धनुष-बाण धारण किया है।
एक वो वक्त था और एक आज का दिन है। 32 साल और 7 दिन बीत गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर अयोध्या में हैं। 32 साल पहले जब अयोध्या गए थे तो उन्हें अपनी आखों पर यकीन नहीं हो रहा था। रामलला की दुर्दशा देख वो भावुक थे। वो आज भी भावुक हैं, लेकिन उनकी आंखों में जो आंसू है वो संकल्प पूरा होने की खुशी के है।
पीएम मोदी का संकल्प से सिद्धी के मंत्र के सूत्रधार आज पूरा हो गया है। दरअसल, पीएम मोदी ने यह संकल्प 32 साल 7 दिन पहले लिया था। उसी अयोध्या में जहां मोदी आज पीले वस्त्र में यजमान बनकर पहुंचे हैं। तब रामलला टाट में थे आज उनकी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई है, भव्य मंदिर के गर्भ गृह में। स्वर्ण जड़ित दरवाजों से होकर अनुष्ठान स्थल पर मोदी पहुंचे तो उन्हें अपना संकल्प तो याद जरूर आया होगा। आत्म से आवाज उठी होगी, तुमने कर दिखाया।
उस समय रामलला की दशा देख भावुक थे, आज पूरा हुआ संकल्प…
बता दें कि 14 जनवरी 1992 को नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचे थे। उस समय रामलला की दशा देखकर ठिठक गए। हक्का-बक्का। आखिर करोड़ों जन के आराध्य की दुर्दशा देखकर किसका कलेजा मुंह को नहीं आ जाएगा! मोदी भी हतप्रभ थे। उन्होंने परिस्थितियां बदलने को लेकर संकल्प लिया। राम लाल को टाट से निकालकर भव्य मंदिर में स्थापित करने की। मोदी ने संकल्प लिया- जब तक भगवान राम का मंदिर नहीं बनेगा, रामलला टाट से ठाट में नहीं आएंगे तब तक अयोध्या नहीं आऊंगा।
आज देशवासियों के लिए खुशी की घड़ी, मोदी फिर निहार रहे हैं
आज भारतवर्ष ही नहीं, पूरा विश्व राममय है। पीएम मोदी ने परिस्थितियां बदलने की ठानी थी, तो बदल दी। पीएम मोदी अयोध्या में हैं, रामलला गर्भगृह में विराजमान हैं। पीएम मोदी आज भी विस्मित हैं। उनकी नजरें फिर रामलला से हट नहीं रहीं। वो एकटक निहार रहे हैं। स्वाभाविक हैं अंदर भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा होगा। आज तनमन आनंदमय है। आज मोदी क्या करोड़ों रामभक्तों का रोम रोम राममय है। नरेंद्र मोदी इसी का नाम है। संकल्प से सिद्धी का सूत्र साकार हो गया है। इस आनंदमय वातावरण में चौतरफा राम नाम की गूंज है तो मोदी-मोदी की जयजयकार भी। मोदी तब अयोध्या में मुरली मनोहर जोशी के साथ थे, आज मोदी के साथ अयोध्या में पूरी दुनिया उमड़ी है।