Hit And Run Law: देश के साथ ही प्रदेशभर में हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवर सड़क जाम कर विरोध कर रहे हैं। ट्रक ड्राइवर के साथ ही ऑटो, टैक्सी और डंपर समेत अन्य वाहनों के चालक भी इस नियम के खिलाफ हैं। राष्ट्रपति मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बनाया गया जो आम तौर पर निजी वाहनों पर भी लागू होगा। हिट एंड रन केस के नए नियमों के मुताबिक, अगर किसी वाहन की टक्कर से किसी की मौत हो जाती है और ड्राइवर पुलिस को सूचना दिए बिना वहां से फरार हो जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा होगी। इसके अलावा उन पर 7 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
कानून वापस लेने की मांग
हिट एंड रन कानून का यूपी, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, मुंबई, गुजरात, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में विरोध हो रहा है। नये नियम को लेकर वाहन चालकों में काफी आक्रोश है। विरोध करने वाले ड्राइवरों का कहना है कि अगर दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो हमेशा ड्राइवर की गलती नहीं होती है। यह कानून पूरी तरह से गलत है। केंद्र सरकार को यह कानून वापस लेना चाहिए।
हिट एंड रन मामले में पुराना कानून
अभी तक हिट एंड रन मामलों में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 304ए (लापरवाही से मौत का कारण बनना) और 338 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया जाता है। आरोपी को दो साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा किसी विशेष मामले में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती है।
नये कानून के किस प्रावधान का हो रहा है विरोध?
- सरकार ने हिट एंड रन प्रावधान को काफी सख्त कर दिया है।
- नए कानून में हिट एंड रन पर 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
- पहले हिट एंड रन केस में सिर्फ दो साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान था।
- कई ट्रक ड्राइवरों को यह भ्रम है कि यह कानून सिर्फ उनके लिए है।
- ड्राइवरों की मांग है कि हिट एंड रन कानून को इतना सख्त न बनाया जाए।
क्यों मचा है इतना हंगामा?
केंद्र सरकार सख्त नियमों के तहत सड़क हादसों को रोकना चाहती है। हालांकि, ड्राइवरों को लगता है कि सरकार ऐसा करके उनके साथ गलत कर रही है। ड्राइवरों को लगता है कि सरकार उन पर अत्याचार कर रही है। दरअसल, सड़क जाम कर रहे ड्राइवरों का कहना है कि ‘हिट एंड रन’ के प्रावधान में बदलाव विदेशी तर्ज पर किया गया है। इसे लाने से पहले विदेशों की तरह अच्छी सड़कें, यातायात नियम और परिवहन व्यवस्था पर फोकस किया जाना चाहिए।
कानून को लेकर इंडियन मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कहा कि इस नियम की वजह से ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं। देश में पहले से ही ड्राइवरों की कमी है। ऐसे नियम से ड्राइवर डर जायेंगे और अपना काम छोड़ देंगे। ड्राइवरों का कहना है कि नए नियम में 7 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है, ड्राइवर इतने पैसे कहां से लाएंगे।
क्या है ड्राइवरों की मांग?
ड्राइवरों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार हिट एंड रन का नया प्रावधान वापस नहीं लेती तब तक वे गाड़ी नहीं चलाएंगे और विरोध जारी रखेंगे। इससे कई राज्यों में यातायात की समस्या उत्पन्न हो रही है। ट्रांसपोर्ट कारोबारी भी इस नए नियम का विरोध कर रहे हैं। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार ड्राइवरों की मांगों पर क्या रुख अपनाती है।