रोम। वैज्ञानिकों ने समुद्र के नीचे करीब 130 फीट की गहराई में काला सोना खोज निकाला है। पाषाण युग के दौरान समुद्र में यात्रा करने वाले 4,000 साल पुराने एक जहाज के बिखरे मलबे से ये काला सोना मिलने का दावा किया गया है। दरअसल वैज्ञानिकों को कुछ खास किस्म के टुकड़े मिले हैं, जो ओब्सीडियन (ठंडे लावा से बनने वाला कांच) से बने हैं। ओब्सीडियन का उपयोग कटिंग टूल्स बनाने के लिए किया जाता रहा है।
हजारों साल पुराने जहाज की मलबे से ये टुकड़े इटली के कैपरी में खोजे गए हैं। इन टुकड़ों को ही वैज्ञानिक काला सोना का कह रहे हैं। खोजकर्ताओं को उम्मीद है कि इस खोज से कैपरी और भूमध्य सागर में प्राचीन जीवन के बारे में काफी अहम जानकारी मिल सकती है।
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पाषाण युग का काला सोना कहा जाने वाला ओब्सीडियन लावा के बहुत तेजी से जमने से बनता है। इन विशेष टुकड़ों को नेपल्स पुलिस की पानी के नीचे की इकाई ने समुद्र तल से 130 फीट नीचे और कैपरी की प्रसिद्ध समुद्री गुफा ग्रोटा बियांका के पास खोजा है। इन अवशेषों की रिकवरी के लिए एक मिशन नवंबर में लॉन्च किया गया था, जिसमें 8 किलोग्राम ओब्सीडियन कोर का पता चला। पानी के नीचे के पुरातत्वविदों ने कहा है कि टुकड़े की सतह पर छेनी और शिल्प कौशल के भी निशान मिले हैं।
सफाई का काम होगा शुरू
वैज्ञानिकों ने बताया है कि समुद्र की गहराई से मिले काले सोने के इन टुकड़ों की सफाई कर इसका जीर्णोद्धार कराया जाएगा, जिससे ज्यादा जानकारी हासिल हो सके। इस मिशन की सफलता ने वैज्ञानिकों को समुद्र तल का अधिक व्यापक सर्वेक्षण करने के लिएभी प्रेरित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर खोज की जाए तो मुमकिन है कि उन्हें जहाज का कोई हिस्सा या उसमें ले जाया गया कोई अन्य सामान भी मिल सकता है। समुद्र से कुछ और मिलता है तो ये कै परी और भूमध्य सागर में प्राचीन जीवन के बारे में शोधकर्ताओं की समझ को बढ़ाने का काम करेगा।
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