जयपुर। हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) देने के मामलों में राजस्थान देश में दूसरा राज्य बन गया है। वहीं धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले भी प्रदेश में तेजी से बढ़े हैं। हाल ही में राजस्थान के विधानसभा चुनाव में राजनेताओं के भड़काऊ बयानों ने इन मामलों में आग में घी डालने का काम किया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी (एनसीआरबी) की रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 2016 में हेट स्पीच के महज 22 केस दर्ज हुए थे। अब ये संख्या 8 गुना बढ़कर 192 गई है, जो देशभर में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा है।
नेताओं के भड़काऊ भाषणों ने बढ़ाए मामले…
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में साल 2022 में हेट स्पीच से जुड़े 1523 केस दर्ज किए गए। सबसे अधिक 217 केस उत्तर प्रदेश और इसके बाद 192 केस राजस्थान में दर्ज हुए। जबकि साल 2021 में प्रदेश में 83 मामले ही दर्ज किए गए थे।
ज्यादातर मामलों में पुलिस ने भड़काऊ भाषण या बयान, सोशल मीडिया या अन्य माध्यम से फैलाई गई फर्जी खबरें और पोस्ट के आधार पर केस दर्ज किए हैं। बता दें कि ऐसे बयान जिससे समाज की शांति भंग हो सकती है, उन केस को धारा 153ए, 153बी, 295ए और 505 के तहत दर्ज किया जाता है।
जब चुनाव, तब बढ़े हेट स्पीच के मामले…
एनसीआरबी को डेटा एनालिसिस करने पर यह भी पता चला है कि जब-जब चुनाव हुए तब-तब हेट स्पीच के मामले तेजी से बढ़े। राजस्थान के संदर्भ में देखें तो 2018 में विधानसभा चुनाव थे, तब उस साल 87 मामले दर्ज हुए, जो पिछले साल से ज्यादा थे। चुनाव समाप्त होते ही अगले साल मामलों की संख्या महज 63 रह गई थी।
एनसीआरबी की रिपोर्ट आने के बाद हमने हेट स्पीच से जुड़े वो बयान निकाले जिनको लेकर प्रदेश में बवाल हुआ और थानों में मुकदमे दर्ज कराए गए।
धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामलों में राजस्थान बना 9वां राज्य…
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में धार्मिक भावनाएं (आईपीसी की धारा 295) आहत करने के 1872 केस दर्ज किए गए। राजस्थान में भी ये मामले तेजी से बढ़े हैं। साल 2022 में 45 केस दर्ज हुए। जबकि 2021 में 31 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल की तुलना में इस साल करीब 30 प्रतिशत अधिक केस दर्ज हुए। हालांकि 2017 की तुलना में ऐसे मामलों की संख्या में कमी आई है। 2022 में धार्मिक भावनाएं आहत करने के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र (355), मध्यप्रदेश (308), कर्नाटक (219) और उत्तर प्रदेश (220) में दर्ज हुए। राजस्थान इन मामलों में 9वें स्थान पर रहा।
फेक न्यूज को लेकर भी मुकदमे हुए दर्ज…
एनसीआरबी रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2022 में प्रदेश में ‘विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ की घटनाओं में लगभग ढाई गुना वृद्धि देखी गई। फेक न्यूज, अफवाह फैलाने को लेकर प्रदेश में 6 केस दर्ज किए गए।
देशद्रोह का एक भी मुकदमा नहीं…
प्रदेश में आईपीसी की धारा 124-ए (देशद्रोह) को लेकर कोई केस दर्ज नहीं किया गया, जबकि 2021 में एक और 2020 में चार मामले दर्ज हुए थे।
क्या होती है हेट स्पीच…
हेट स्पीच को आम भाषा में भड़काऊ भाषण भी कह सकते हैं। ये किसी खास शख्स, समुदाय, जेंडर या नस्ल को टारगेट करता है। यूनाइटेड नेशन्स स्ट्रेटजी एंड प्लान ऑफ एक्शन्स के अनुसार संवाद का कोई भी तरीका, जो किसी की पहचान, उसके देश, भाषा, तौर-तरीके, जाति-धर्म, रंग को बुरा बताता हो, वो हेट स्पीच होता है। पिछले कुछ वर्षों में हेट स्पीच के मामलों में तेजी देखी गई है।
तेजी से बढ़ रहे हेट स्पीच के मामले…
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट की माने तो साल 2021 के मुकाबले 2022 में 31 फीसदी ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। इतना ही नहीं इस तरह के मामलों में उत्तर प्रदेश अव्वल स्थान पर पहुंच गया है। हेट स्पीच के मामलों को आईपीसी की धारा 153ए के तहत दर्ज किया जाता है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में पूरे भारत में 1500 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जो कि साल 2021 की तुलना में 31.25 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, राहत की बात ये है कि साल 2020 के मुकाबले ऐसे मामलों में 15.57 फीसदी की गिरावट देखी गई है। पिछले साल, इनमें से सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश (217) में दर्ज किए गए थे। इसके बाद हेट स्पीच के मामले में राजस्थान (192), महाराष्ट्र (178), तमिलनाडु (146), तेलंगाना (119), आंध्र प्रदेश (109), और मध्य प्रदेश (108) का स्थान आता है।