Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूर हर रोज बाहर निकलने की उम्मीद लगाए हैं। प्रशासन की ओर से सभी मजूदरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हर दिन तमाम कोशिशें की जा रही हैं। भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स और मद्रास सैपर्स की यूनिट सहित छह सदस्यीय रैट माइनर्स की टीम इस काम में जुटी थी। सोमवार शाम 7 बजे सेना की मदद से टीम ने हाथ से खोदाई शुरू कर दी।
अब तक एक मीटर पाइप आगे बढ़ाया जा चुका है। ऑगर मशीन के फेल होने के बाद हाथ से खोदाई कराने का फैसला किया गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अब तक अच्छे परिणाम मिले हैं, सब ठीक रहा तो अगले कुछ घंटे में अच्छी खबर मिल सकती है। पहाड़ के ऊपर से भी खोदाई का काम चल रहा है। अब तक 36 मीटर से अधिक की खोदाई की जा चुकी है। अब 50 मीटर और होनी है। इस तरह मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण करने वाली सेना की इकाई सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व मुख्य इंजीनियर और बचाव अभियान में जुटे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हरपाल सिंह ने बताया कि सोमवार रात तक 36 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है। जमीन के अंदर की स्थिति जानने के लिए छह इंच के पाइप को 70 मीटर तक बोर किया गया है और सबकुछ ठीक मिला है। 800 एमएम व्यास के पाइप को बोर करने के लिए फ्रेम तैयार कर लिया है। सबकुछ ठीक रहा तो अगले एक से डेढ़ दिन में 10 मीटर तक बोर किया जा सकता है।
हरपाल सिंह ने बताया कि होरिजॉन्टल ड्रिलिंग के दौरान 800 एमएम के पाइप में फंसे ऑगर मशीन के मलबे को निकाल लिया गया है। पाइप के जिस 1.5 मीटर हिस्से को काटकर अलग किया था, उसे निकालकर हाथ से खोदाई शुरू कर दी है। गौरतलब है कि रैट माइनिंग आमतौर पर कोयला उत्खनन के लिए किया जाता है, खासकर ऐसी जगहों पर जहां मशीन जाने के लिए जगह नहीं होती।
पीएम मोदी बोले, टनल में फंसे मजदूरों के लिए प्रार्थना करें…
वहीं पीएम मोदी भी पूरे रेस्क्यू पर नजर बनाए हुए है। हैदराबाद में सोमवार को उन्होंने कहा, ‘फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आज जब हम भगवान से प्रार्थना करते हैं और मानवता के कल्याण की बात करते हैं तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाइयों को भी शामिल करना चाहिए जो उत्तराखंड की एक सुरंग में फंसे हुए हैं।’
12 नवंबर से टनल में फंसे हैं 8 राज्यों के 41 मजदूर…
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इससे टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं। इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर फंसे हैं। इन्हें निकलने के लिए 17 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली।