Rajasthan Election 2023: प्रदेशभर में विधानसभा चुनाव में बागियों की भरमार देखने को मिल रही है। ऐसी ही स्थिति राजधानी जयपुर की है जहां की 10 सीटों में से 5 सीटें ऐसी है जहां पर निर्दलीय और बागी गेम खराब कर सकते है। इन सीटों में झोटवाड़ा, किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर, सिविल लाइंस जैसी सीटों के नाम शामिल है। पढिए किसी सीट पर निर्दलीय और बागियों ने बढ़ाई कांग्रेस बीजेपी की टेंशन…
झोटवाड़ा में राजपाल और आशु BJP के लिए दिक्कत
झोटवाड़ा में कांग्रेस ने इस बार अभिषेक चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है, क्योंकि लालचंद कटारिया ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। दूसरी ओर, बीजेपी ने सांसद राज्यवर्धन सिंह को मैदान में उतारा है, बीजेपी से टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत और आशू सिंह सुरपुरा भी निर्दलीय मैदान में हैं। ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी सांसद राज्यवर्धन सिंह को इन दोनों नेताओं से नुकसान हो सकता है, क्योंकि राजपूत वोटों का बंटवारा तय है।
बागी पप्पू कुरेशी ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें
कांग्रेस के बागी पप्पू कुरेशी ने आम आदमी पार्टी के टिकट नामांकन कर दिया है। 2013 में भी पप्पू ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और उन्हें 4 हजार 417 वोट मिले थे। पप्पू के मैदान में उतरने का सीधा असर कांग्रेस पर पड़ेगा। इससे कांग्रेस प्रत्याशी आरआर तिवारी को मुस्लिम वोटों का नुकसान होने की पूरी संभावना है।
किशनपोल में निर्दलीय कांग्रेस के लिए परेशानी
किशनपोल विधानसभा में 2018 के चुनाव में कांग्रेस के अमीन कागजी ने 8 हजार 770 वोटों से जीत हासिल की थी। किशनपोल विधानसभा से राज्य हज कमेटी के पूर्व सदस्य और मुस्लिम महासभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मुश्ताक अहमद यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है। मुश्ताक अहमद बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े थे। अब उनके मैदान में उतरने से सीधा नुकसान अमीन खान को होना तय माना जा रहा है।
आदर्श नगर में रफिक खान की राह नहीं आसान
आदर्श नगर से चार बार के पार्षद उमरदराज ने आम आदमी पार्टी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस के वर्तमान विधायक रफीक खान के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। उमरदराज पिछले छह महीने से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। उमरदराज तीन वार्डों से चार बार पार्षद रह चुके हैं।
सिविर लाइंस से गोपाल शर्मा की राह नहीं आसान
बीजेपी से टिकट की दावेदारी कर रहे रणजीत सिंह सोडाला और गोविंद अग्रवाल ने सिविल लाइंस विधानसभा से नामांकन बागी होकर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। संघ परिवार ने यहां से पत्रकार गोपाल शर्मा को मैदान में उतारा है। पूर्व प्रत्याशी अरुण चतुर्वेदी को भी कहीं से टिकट नहीं दिया गया है।
कांग्रेस से यहां पर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास मैदान में हैं। मेयर मुनेश गुर्जर और कई अन्य पार्षद अंदरखाने खाचरियावास का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में उनको भी यहां से बड़ी परेशानी का सामना कर पड़ सकता है। इसके अलावा राजपूत करणी सेना से जुड़े कीर्ति राठौड़ भी निर्दलीय मैदान में हैं, जो राजपूत वोटों में सेंध लगा सकते हैं। इसका सीधा असर कांग्रेस के प्रताप सिंह के ऊपर पड़ सकता है।
शाहपुरा में बेनीवाल बिगाड़ेंगे बीजेपी-कांग्रेस का गणित
शाहपुरा जाट-यादव बहुल इस सीट पर कांग्रेस से मनीष यादव और बीजेपी से उपेन यादव मैदान में हैं। यह तय है कि यादव वोटों का बिखराव होगा। इसका सीधा फायदा वर्तमान विधायक आलोक बेनीवाल को मिल सकता है। वो एक बार फिर निर्दलीय चुनाव जीत गए हैं। बेनीवाल के मैदाम में होने से दोनों ही पार्टियों का खेल बिगाड़ सकता हैं।
बस्सी में चतुष्कोणीय मुकाबला
इस बार कांग्रेस ने पूर्व आईपीएस लक्ष्मण मीना और बीजेपी ने पूर्व आईएएस चंद्रमोहन मीना पर दांव लगाया है। मीना-सामान्य बाहुल्य सीट पर इस बार भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहे भाजपा एसटी मोर्चा अध्यक्ष जीतेन्द्र मीना नाराज हो गए हैं और उन्होंने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया है। दो बार निर्दलीय विधायक रहीं अंजू धानका ने एक बार फिर चुनावी मैदान में कूदकर मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है। यहां पिछला चुनाव लक्ष्मण मीना ने 42 हजार वोटों से जीता था।