Jagdeep Dhankar : जगदीप धनखड़ देश के 14 वें उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। वे अब 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगे। जगदीप धनखड़ को NDA ने उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया था। यहां हम आपको जगदीप धनखड़ के बारे में वो 5 बताएंगे जो जगदीप धनखड़ को इस पद के लिए सबसे खास बनाती हैं।
1-लोकसभा अध्यक्ष की तरह ही राजस्थान से ताल्लकु
जगदीप धनखड़ के बारे में सबसे अधिक चर्चा इसी बात की है कि वे राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। क्योंकि इस समय लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला भी राजस्थान के कोटा से हैं और वहां से सांसद हैं इसी तरह अब संसद के उच्च सदन के सभापति के रूप में जगदीप धनखड़ राज्यसभा की कमान संभालेंगे। वे राजस्थान के ही झुंझुनूं से संबंध रखते हैं। उनका पैतृक गांव झुंझुनूं का किठाना गांव है।
2-कानून के उच्च स्तर के जानकार
जगदीप धनखड़ सुप्रीम कोर्ट, देश के कई हाईकोर्ट में वकील रह चुके हैं। उन्हें देश के कानून की बेहतरीन समझ हैं। अपनी बेहतरीन वाकपटुता और विशेषज्ञता के चलते वे कई मामलों में बंपर जीत दर्ज कर चुके हैं। ऐसे में राज्यसभा की कार्यवाही, बिलों के पेश होने से लेकर उनकी कानूनी समझ को बेहद संजीदगी से समझ सकते हैं और उन्हें पारित करवाने में अपना योगदान देंगे।
3-भाजपा से पहले कांग्रेस के भी थे सदस्य
जगदीप धनखड़ पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री काल में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस में काफी साल तक अपनी सेवाएं दी। लेकिन राजस्थान में जब अशोक गहलोत की जादूगरी छाने लगी तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा का दामन थाम लिया।
4-जाट परिवार से रिश्ता
जगदीप धनखड़ जाट परिवार से आते हैं। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने जाटों के विकास के लिए काफी काम किया। राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में उनकी अहम भूमिका रही है। ऐसे में जगदीप धनखड़ के अब उपराष्ट्रपति बनने से जाटों को बेहद खुशी और सूकुन मिला है। कि उनके समाज का कोई व्यक्ति इतने बड़े पद पर आसीन हुआ है।
5-ममता बनर्जी के साथ तीखे संबंध
प. बंगाल के राज्यपाल नियुक्त होने के बाद से ही कई बार राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और धनखड़ के बीच हितों के टकराव की खबरें आती रही हैं। ऐसे कई मौके आए हैं जब ममता बनर्जी ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ मोर्चा तक खोल दिया था। लेकिन जगदीप धनखड़ ने अपनी सूझबूझ से प्रदेश के राज्यपाल की भूमिका बेहद संजीदगी से निभाई।