नई दिल्ली। इस वर्ष का आखिरी ग्रहण इसी हफ्ते होगा। साल 2023 में कुल चार ग्रहण थे। दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण। इनमें से तीन हो चुके हैं और अब चौथा ग्रहण (चंद्र ग्रहण)28-29 अक्टूबर को होगा। यह ऐसा चंद्र ग्रहण होगा जो पृथ्वी के एक बड़े हिस्से में दिखाई देगा। 28 अक्टूबर को होने वाला चंद्र ग्रहण आंशिक होगा। चंद्रमा छाया के उत्तरी किनारे पर होगा। इसके कारण चंद्रमा का एक छोटा हिस्सा पूरी तरह से ग्रहण से ग्रसित रहेगा।
आंशिक चंद्र ग्रहण देखने से ऐसा लगेगा, जैसे इसे किसी ने काट दिया है। दरअसल, जब तीन खगोलीय पिंड एक लाइन में आ जाएं और उनमें से एक किसी पर प्रकाश पहुंचने से रोके तो वह ग्रहण कहलाता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाए तो वह चंद्र ग्रहण कहलाता है। इस दौरान पृथ्वी की परछाई चंद्रमा पर पड़ती है।
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इन देशों में दिखेगा यह ग्रहण
यह ग्रहण उन क्षेत्रों में दिखाई देगा, जहां चंद्रमा क्षितिज से ऊपर है, जिसमें एशिया, रूस, अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप और अंटार्कटिका शामिल है। नई दिल्ली से यह दक्षिण-पश्चिम आकाश में क्षितिज से 62° डिग्री ऊपर स्थित होगा। वक्त की बात करें तो यह 28 अक्टूबर की रात 11:31 बजे से लगेगा और 29 को तड़के 3:36 पर खत्म होगा। अलबत्ता, 29 को 1:45 बजे पर यह अपने चरम पर होगा। उस समय इसे देखना अच्छा होगा।
जयपुर में सूतक 28 की शाम से
जयपुर के पंडित बंशीधर ज्योतिष पंचांग के निर्माता पंडित दामोदर प्रसाद ने बताया कि इस चंद्र ग्रहण का पूरे भारत पर पूरा असर रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर को शाम 4.05 बजे से शुरू हो जाएगा। जयपुर में ग्रहण मध्यरात्रि बाद 1.05 बजे से 2.23 बजे तक सही देखा जा सके गा।
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आश्विन मास का ग्रहण ठीक नहीं
पंडित दामोदर शर्मा ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण आश्विन मास में आया है, जो कि शास्त्रों के अनुसार प्राकृ तिक प्रकोप देने वाला है। ऐसा ग्रहण जहां-जहां दिखाई देता है, उन स्थानों पर प्राकृ तिक आपदा, भूस्खलन, भूकंप, तूफान आदि की आशंका रहती है। वहीं, मेष राशि वालों के लिए भी ये शुभकारी नहीं है।