Lumpy Skin Disease : राज्य सरकार लम्पी स्किन रोग के तेजी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए कोविड काल के प्रबंधन की तर्ज पर काम करेगी। सरकार ने जिला प्रभारी मंत्रियों को फील्ड में जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, मद में खर्च करने के लिए विधायक कोष से भी पैसा देने की छूट दी गई है। लम्पी का कहर (Lumpy Skin Disease) प्रदेश के 17 जिलों से बाहर निकल कर अन्य जिलों में भी फैल रहा। अलवर, टोंक सहित अन्य जिलों में दुधारू पशु खास तौर से गोवंश में इसके लक्षण देखे जा रहे हैं। इसके साथ कुछ सीमावर्ती जिलो में दूध का उत्पादन प्रभावित हो रहा है और लोग भी डिब्बाबंद दूध की तरफ बढ़ रहे हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने दिए थे निर्देश
इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) ने दिल्ली से वीसी के जरिए अधिकारियों के साथ चर्चा की। गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में राजस्थान के कोरोना प्रबंधन की जिस तरह पूरे देश में चर्चा रही, उसी तरह लम्पी स्किन रोग पर भी सभी के सहयोग से प्रभावी नियंत्रण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में गोवंश की इस बीमारी की रोकथाम के दवा की कमी है। इस लिए बकरियों पर काम में लेने वाली दवाओं का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों के
पशुओ में लम्पी स्किन रोग (Lumpy Skin Disease) का संक्रमण तेजी से फैला है, लेकिन जल्द से इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। सरकार द्वारा दवाईयों, चिकित्सकों, एं बुलेंस सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।
सीएस और कटारिया केंद्रीय मंत्री के संपर्क में
सीएम गहलोत ने बताया कि केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला से आज प्रदेश के मंत्री लालचंद कटारिया और सीएस उषा शर्मा उनसे इस बीमारी पर चर्चा करेंगे। उनसे चर्चा के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि देश में इस रोग से निपटने के लिए क्या इंतजाम है, लेकिन स्टेट गवर्नमेंट की ओर से जो प्रोग्राम चलना चाहिए, इसमें हर बात का ख्याल रखना होगा। ऐसे मौकों पर जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहता है।
प्रदेश में बढ़ रही रिकवरी रेट
पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि लम्पी स्किन रोग प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ रही है। बीकानेर विश्वविद्यालय की टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में दौरा किया जाएगा। रोग से बचाव में स्वयंसेवी संस्थाएं, भामाशाह और आमजन सहयोग कर रहे हैं।