हांगझोउ। भारत के युवा निशानेबाजों का एशियाई खेलों में सोना जीतने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा जब दो स्वर्ण और तीन रजत का इजाफा करके उन्होंने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिखाया। पिछले छह दिन में भारतीय निशानेबाजों ने छह स्वर्ण और सात रजत समेत 18 पदक जीते हैं। इससे पहले एशियाई खेलों की निशानेबाजी स्पर्धा में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 दोहा खेलों में था जब 14 पदक जीते थे। पलक गूलिया और ईशा सिंह ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीते।
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वहीं, टीम वर्ग में 18 वर्ष की ईशा (579), पलक (577) और दिव्या टीएस (575) का कुल स्कोर 1731 रहा। इसके बाद 22 वर्ष के ऐश्वर्य ने व्यक्तिगत राइफल थ्री पोजिशंस स्पर्धा में रजत पदक जीता। साथ ही, पलक और ईशा ने व्यक्तिगत वर्ग में एक दूसरे को कड़ी चुनौती देते हुए शीर्ष दो स्थान हासिल किए, 17 वर्षीय पलक ने स्वर्ण और ईशा ने रजत पदक जीता। पलक का यह अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में पहला व्यक्तिगत पदक है। उसने फाइनल में 242.1 स्कोर किया जो एशियाई खेलों में रिकॉर्ड है। ईशा ने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में रजत भी जीता है। यह ईशा का चौथा पदक है। पलक ने बाद में कहा, ‘किसी से भी कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है। मैं खुद ही अपनी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी हूं। मैं हमेशा खुद को ही चुनौती देती हूं।’
टेनिस में सिल्वर, स्क्वॉश और शॉटपुट में ब्रॉन्ज
इसके बाद टेनिस में रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की जोड़ी ने सिल्वर हासिल किया। फिर स्क्वॉश में भारतीय मेंस टीम ने ब्रॉन्ज दिलाया। दिन का आखिरी मेडल वुमंस शॉटपुट इवेंट में किरण बालियान ने 17.36 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे नंबर पर रह कर ब्रॉन्ज मेडल जीता।
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पुरुष निशानेबाजों ने भी जीता सोना
पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में भारत ने विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। ऐश्वर्य प्रताप सिहं तोमर (591), स्वप्निल कु साले (591) और अखिल श्योराण (587) टीम में थे, जिन्होंने चीनी चुनौती से पार पाते हु ए 1769 स्कोर किया। अगले साल पेरिस ओलंपिक में पदक उम्मीद स्वप्निल और तोमर ने क्वालीफिके शन में एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए 591 स्कोर किया।