उदयपुर। प्रदेश के निजी अस्पताल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साख पर बट्टा लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। निजी अस्पतालों में चिरंजीवी योजना में फ्री इलाज करने के नाम पर गरीबों से लाखों रुपए की वसूली की जा रही है। सीएम गहलोत खुद निजी अस्पतालों को हिदायत दे चुकें हैं। फिर भी कुछ अस्पताल सीएम के निर्देशों हल्के में ले रहे हैं। ताजा मामला उदयपुर के गीतांजली अस्पताल का है। यहां चिरंजीवी योजना के तहत भर्ती किए गए एक मरीज के परिजनों से अस्पताल प्रशासन ने 3 लाख 10 हजार रुपए की राशि वसूल ली।
परिजनों का आरोप है कि सरकार की चिरंजीवी योजना में 10 लाख तक निशुल्क इलाज होने के बावजूद उनसे 3 लाख 10 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद भी इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत के बाद परिजन अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांगकी। परिजनों का कहना है कि अपनी संपत्ति को गिरवी रखकर अस्पताल का बिल भरना पड़ा। चिरंजीवी योजना के लिए पूछे जाने पर चिकित्सक गुमराह करते रहे। अब परिवारजन पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। इधर चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने सीएमएचओ उदयपुर को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की है।
यह खबर भी पढ़ें:-मौत वाला मजाक! चंबल में मगरमच्छ आने की अफवाह पर 6 युवक बहे, 3 अभी भी लापता
आर्थिक संकट से जूझ रहा परिवार
महिपाल की मौत के बाद परिजनों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया। मृतक की पत्नी संसर देवी ने बताया मेरे बच्चों ने घर-घर भीख मांगकर पैसा एकत्र कर अस्पताल को दिया था। अब मेरे पर लाखों रुपए का उधारी हो गई है। अब मैं अपने बच्चों को क्या खिलाऊ, क्या पढ़ाऊ। ऑपरेशन के बाद मेरा पति अच्छा हो गया था। एक दिन बाद तबीयत बिगड़ने के बाद वेंटिलेटर में रख दिया। जहां दो दिन पहले ही मेरे पति की मौत हो गई थी। अस्पताल ने पैसा वसूलने के लिए वेंटिलेटर पर रखा। मेरे पति को अस्पताल वालों ने मार दिया है।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार डूंगरपुर जिले के धरमपुरी गांव निवासी 50 वर्षीय महिपाल कलासुआ को 25 जुलाई को चिरंजीवी योजना में उदयपुर के गीतांजली अस्पताल में भर्ती करा दिया। हार्ट के रोगी महिपाल कलासुआ को करीब एक माह 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती कर रखा। इसके बाद उसे 5 सितम्बर को जबरदस्ती अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। दोबारा तबीयत बिगड़ने महिपाल को 9 सितम्बर को फिर से गीतांजली अस्पताल लाया गया। जहां डाक्टरों ने हॉर्ट का ऑपरेशन कराने के लिए 3 लाख 11 हजार जमा कराने के निर्देश दिए।
यह खबर भी पढ़ें:-5 सेकेंड में दिया जवाब, अजमेर के अभिनव ने KBC में बनाई जगह, एपिसोड आज होगा प्रसारित
उन्होंने कहा की चिरंजीवी योजना में अप्रूवल आने तक महिपाल को बचाना मुश्किल होगा। परिवार के बड़े लड़के राके श कलासुआ ने अपनी मां के जेवर, खेती की ढाई बीघा जमीन सब गिरवी रखकर पैसा एकत्रित कर अस्पताल में जमा कराया। जहां डाक्टरों की टीम ने 11 सितम्बर को ऑपरेशन किया। करीब 24 घंटे के बाद महिपाल की तबीयत फिर बिगड़ने लगी तो उसे वेंटीलेटर पर रखा गया। दो दिन बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।