काम की बदौलत मिला पद्मश्री, कौन है नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल? जानिए

आज देश में नई संसद भवन में सांसद पहुंचे। इसी के साथ पूरानी संसद का आज आखरी दिन था। देशभर में नई संसद भवन को लेकर चर्चा तेज है। इस बीच एक नाम बिमल हसमुख पटेल भी काफी चर्चाओं में है।

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Architect Bimal Patel: आज देश में नई संसद भवन में सांसद पहुंचे। इसी के साथ पूरानी संसद का आज आखरी दिन था। देशभर में नई संसद भवन को लेकर चर्चा तेज है। इस बीच एक नाम बिमल हसमुख पटेल भी काफी चर्चाओं में है। जी हां.. यह वहीं बिमल पटेल है जिन्होने नये संसद भवन को डिजाइन किया है। गुजरात में आर्किटेक्ट के क्षेत्र में बिमल पटेल एक बड़ा नाम हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी इनके द्वारा ही डिजाइन किया गया था।

कौन हैं बिमल पटेल?

बिमल हसमुख पटेल के पास आर्किटेक्ट के क्षेत्र में तीन दशकों का एक लंबा अनुभव है। वह शहरी डिजाइन और योजना के विशेषज्ञ भी हैं। पटेल वर्तमान में अहमदाबाद में सीईपीटी विश्वविद्यालय (पूर्व में पर्यावरण योजना और प्रौद्योगिकी केंद्र) के अध्यक्ष हैं। वह एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख हैं, जिसकी स्थापना उनके पिता हसमुख सी पटेल ने 1960 में की थी। बिमल के पिता हसमुख पटेल भी एक प्रसिद्ध आर्किटेक्ट थे, जिन्होंने कई प्रतिष्ठित इमारतों को डिजाइन किया था।

पिता की कंपनी को संभाला

बिमल पटेल ने सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, लोयोला हॉल से पढ़ाई की। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जेवियर्स हाई स्कूल, लोयोला हॉल से पूरी की। इसके बाद वह अमेरिका के यूसी बर्कले चले गए और 1995 में पीएचडी की डिग्री हासिल की। बिमल अपने पिता हंसमुख पटेल की कंपनी में सन 1990 में शामिल हो गए।

पद्म श्री पुरस्कार भी मिला

बिमल पटेल ने 1992 में आगा खान पुरस्कार, 2001 में विश्व वास्तुकला पुरस्कार और 2019 में पद्म श्री सहित कई पुरस्कार जीते हैं। उनके अन्य प्रमुख कार्यों में कांकरिया झील विकास, आगा खान अकादमी हैदराबाद, भुज विकास योजना, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान शामिल हैं। भवन, गुजरात उच्च न्यायालय, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद नया परिसर और गांधीनगर में स्वर्णिम संकुल।

परामर्श के लिए 229.75 करोड़ रुपये भूगतान

बिमल पटेल की एचसीपी डिज़ाइन्स ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंसी बोली जीती थी। उनकी फर्म को नई संसद सहित महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए परामर्श सेवाओं के लिए 229.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना तय है।