Lumpy Virus in Rajasthan: गुजरात के बाद अब प्रदेश में लंपी बीमारी का कहर पशुओं पर टूट पड़ा है। राज्य के लगभग 25 हजार गोवंश इसकी चपेट में आ गए हैं। इनमें से कई गायों का इलाज भी शुरू कर दिया गया है। लेकेिन सबसे बड़ी समस्या ये है कि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। हालांकि डॉक्टर पशुओं में आए लक्षणों के अनुसार उनका इलाज कर रहे हैं। इस मामले में बीते दिनों पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस बीमारी की रोकथाम औऱ इससे निपटने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अलावा आज भी वे जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ इस मामले में बैठक कर सकते हैं।
अब तक 3 हजार पशुओं की मौत
प्रदेश के पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 3 हजार गाय-भैंसो की मौत हो चुकी है। वहीं लगभग 25 हजार गायें इस बीमारी से ग्रसित हैं। अकेले जोधपुर में इस बीमारी से 350 पशुओं की मौत हो गई। इस मामले में उदयपुर पशुपालन विभाग के जाइंट निर्देशक डॉक्टर एसपी त्रिवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि उदयपुर में भी इस बीमारी ने पैर पसार लिए हैं। इस बीमारी के होने के बाद पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती चली जा रही है। यहां तक की दुधारू पशु जैसे गाय-भैंस दूध देना तक बंद कर देते हैं।
‘गोटपॉक्स’ वैक्सीन से हो सकता है इलाज
पशुओं में बड़े स्तर तक फैल चुकी इस बीमारी का वैसे तो अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं मिला है। लेकिन केंद्र ने गोटपॉक्स नामक वैक्सीन को पशुओं में फैल रही इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रस्तावित किया है। वैसे तो यह वैक्सीन बकरियों, भेड़ों की लंपी जैसी बीमारी के लिए कारगर है, लेकिन इस वैक्सीन से लंपी बीमारी को कुछ हद तक कम करने में कारगर होगी। इसलिए जब तक यह वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जा रहा है।
क्या है लंपी बीमारी (what is Lumpy Virus)
पशुओं में फैल रही इस बीमारी से पशुपालक परेशान हैं। ये बीमारी अधिकतर गाय और भैंसों में हो रही है। पशुपालकों को अपने पशुओं के लिए समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। लेकिन पशुपालक अपने पशुओं को इस बीमारी से बचा जरूर सकते हैं। इसके लिए आपको ये जानना होगी कि आखिर ये बामीर है क्या? दरअसल ये एक संक्रमण है। जो एक पशु के दूसरे के संपर्क आने से फैलती है। इससे ग्रसित पशुओं के शरीर में जगह-जगह गांठ पड़ जाती है और ये गांठे एक दूसरे से जुड़ी भी रहती हैं। उन्हें तेज बुखार आता है। शरीर में पड़ी ये गांठे अंदर ही अंदर पक जाती हैं और उशके बाद फूट जाती हैं। ऐसा होने पर शरीर में और घाव हो जाते हैं।
कैसे कर सकते हैं बचाव
अभी तक इस लाइलाज बीमारी से अपने पशुओं को बचाना बेहद जरूरी हो गया है। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने पशुओं को इस बीमारी से बचा सकते हैं। अगर किसी पशु में लंपी बीमारी है तो अपने पशु को उसेक पास न जाने दें। उससे दूर रखें और अलग बांधें। इसके अलावा बीमारी के इस दौर में अपने पशु को मेले या मंडी में ना लेकर जाएं। अगर घर में गोशाला बनी है को उसकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। वहां मक्खी और अन्य कीटों का प्रवेश न होने दें। इसके अलावा दूसरे पशुपालक को अपने पशु के आश पास न आने दें। साथ ही अपने शरीर की साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। अगर इन बातों को आप ध्य़ान में रखते हैं तो आप अपने पशु को इस लाइलाज बीमारी से दूर रखने की कोशिश में सफल हो सकते हैं।