जयपुर। इंडिया का नाम भारत करने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट की हर तरफ बात चल रही है इस संदर्भ में जयराम रमेश ने ट्वीट ने ट्वीट कर लिखा था कि राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को होने वाले जी-20 डिनर के लिए जो न्योता भेजा है, उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है।
आगे उन्होने लिखा- अगर संविधान के आर्टिकल 1 को पढ़ें तो उसमें लिखा है कि भारत जो कि इंडिया है एक राज्यों का समूह होगा। अब तो राज्यों के समूह पर भी खतरा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट में आर्टिकल-1 का भी जिक्र किया था। तो आइए जानते है कि भारतीय संविधान में आर्टिकल-1 क्या है।
क्या है आर्टिकल-1?
भारतीय संविधान का आर्टिकल-1 यानी अनुच्छेद 1 के अनुसार भारत राज्यों का संघ होगा। संविधान में भारत और इंडिया को एक ही माना गया है। अंग्रेजी में इसे इंडिया और हिन्दी में इसे भारत कहा गया है। इसे जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इसे इंडिया ही इस्तेमाल किया जाना है या भारत ही लिखा जाएगा। भाषा और संदर्भ के मुताबिक, दोनों में से किसी भी शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रेसिडेंट ऑफ भारत, सही या गलत?
सरकार ने G20 के निमंत्रण पत्र मेंप्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत शब्द का इस्तेमाल किया है, संवैधानिक तौर अगर बात करें तो संविधान के अनुच्छेद 1 के तहत इसे गलत नहीं ठहराया जा सकता है। संविधान कहता है, इंडिया की जगह भारत शब्द इस्तेमाल किया जा सकता है।
जयराम रमेश ने किया था आर्टिकल-1 का जिक्र
कितना मुश्किल है नाम बदलना
इंडिया की जगह भारत शब्द के उपयोग को लेकर विशेषज्ञयों का कहना है कि अगर इस तरह को कदम उठाया जाता है तो बहुत सी चीजों में बदलाव करना होगा। एक उदाहरण से समझें तो देश के कानून की एक्ट से लेकर दूसरे नियमों में भी इंडिया शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इसे भी बदलना होगा।
इसलिए यह प्रक्रिया इतनी भी आसान नहीं होगी। इसमें कई तरह की असुविधाएं भी होंगी। इसके लिए सरकार को अपने हर दस्तावेज में हर जगह इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना होगा।
नाम को बदलने के लिए संविधान में भी संशोधन करना होगा। सरकार को इसके लिए संविधान संशोधन बिल लाना होगा। इसे संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मुहर लगेगी। इसके बाद ही ऐसा कुछ संभव हो पाएगा।