जयपुर। भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो ने शनिवार को अपना पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया। 125 दिनों की यात्रा पर निकला इसरो का पहला सूर्य मिशन लैग्रेन्जियन बिंदु ‘एल1’ के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
वहां से आदित्य एल-1 सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का अध्ययन करेगा। आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग के बाद लोगों के मन में इसरो के अगले मिशन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को बड़ी जानकारी दी।
गगनयान मिशन क्या है?
आपको बता दें कि गगनयान मिशन भारत का एकमात्र अंतरिक्ष मिशन है जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। गगनयान मिशन के तहत इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में यात्रा के लिए भेजेगा। गगनयान के प्रक्षेपण में मानवरहित यान को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
सभी सिस्टम की जांच की जाएगी साथ ही रिकवरी सिस्टम और टीम की तैयारियों को भी जांचा जाएगा। इस मिशन के लिए इसरो ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्ष यात्रियों का चयन करने को कहा था, जिसमें भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है।
अंतरिक्ष यात्रियों का रूस में प्रशिक्षण
इस मिशन के लिए भारतीय वायुसेना के चार कुशल पायलटों का चयन किया गया है। इन्हें ट्रेनिंग दी गई थी जो लगभग ख़त्म हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, पायलटों ने रूस जाकर इससे जुड़ी सारी ट्रेनिंग ली, जहां उन्होंने यूरी ए. गागरिन स्टेट साइंटिफिक रिसर्च एंड टेस्टिंग कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अपनी ट्रेनिंग पूरी की में अपनी ट्रेनिंग पूरी कराई।
इसके बाद वह भारत आ गए और फिर अपनी बाकी ट्रेनिंग पूरी की। रूस द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों को यह सिखाया जाता है कि विभिन्न प्रकार के मौसम और स्थानों में कैसे सुरक्षित रहती है।
तीन दिन का होगा मिशन
आपको बता दें कि इसरो ने पहले योजना बनाई थी कि वह अपने ह्यूमन स्पेसफ्लाइट मिशन के दौरान गगनयान से भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को सात दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा कराएगा। लेकिन अभी गगनयान को सिर्फ एक या तीन दिन के लिए ही पृथ्वी का चक्कर लगाने के लिए लॉन्च किया जाएगा।
कुल तीन उड़ान भरेगा गगनयान
गगनयान की तैयारियां आखिरी चरण में हैं। इसे इस साल के अंत तक या अगले साल की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा। गगनयान के तहत कुल तीन उड़ानें भरी जानी हैं। पहली दो उड़ानों में कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं जाएगा। तीसरी उड़ान में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।