ISRO Aditya L1 Mission: इसरो द्वारा चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब भारत सूर्य के रहस्यों का पता लगाने की ओर आगे बढ़ गया है जहां चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद अब देश की निगाहें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हुई हैं.
जानकारी के मुताबिक Aditya-L1 का काउंटडाउन शुरू हो गया है जिसको शनिवार को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च कर दिया जाएगा. वहीं 127 दिन बाद Aditya-L1 अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा. बता दें कि इस मिशन में आदित्य एल-1 धरती से 15 लाख किमी दूर सूर्य की यात्रा करेगा.
वहीं अपनी दूरी तय करने के बाद वह सूर्य के आसपास होने वाली घटनाओं की जानकारी धरनी पर भेजेगा. मालूम हो कि L1 प्वाइंट से सूर्य की कुल दूरी 14 करोड़ 85 लाख किमी है.
जानें कैसे L1 प्वाइंट तक पहुंचेगा Aditya-L1
जानकारी के मुताबिक आदित्य एल-1 को पहले फेज में पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C57) से लॉन्च किया जा रहा है जिसे इसरो धरती की निचली कक्षा में स्थापित करेगा. वहीं इसके बाद आदित्य एल 1 के ऑर्बिट को बढ़ाया जाएगा जिससे बाद एल-1 की तरफ बढ़ते हुए यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की सीमा से बाहर हो जाएगा.
वहीं गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर जाने के बाद इसका दूसरा फेज शुरू होगा. वहीं सूर्य के सबसे बाहरी परतों की जानकारी जुटाने के लिए आदित्य एल-1 पर 7 पैलोड लगाए गए हैं जिसमें से 4 पेलोड सूर्य के आसपास की जानकारी जुटाएंगे और बाकी 3 पेलोड एल-1 प्वाइंट के आसपास जानकारी लेंगे.
बता दें कि आदित्य L1 सूर्य की स्टडी करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा जहां यह स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होने के 4 महीने बाद लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा. दरअसल वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पॉइंट पर ग्रहण का असर नहीं होता है जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी की जा सकती है. वहीं इसरो के इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए बताई गई है.
कब पहुंचेगा आदित्य L1?
गौरतलब है कि सूर्य की धरती से लगभग 15 करोड़ किमी की दूरी है जहां इन दोनों के बीच लैग्रेंज प्वाइंट वह जगह है जहां से बिना किसी रुकावट के सूरज को आसानी से देखा जा सकता है. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि सूर्य को एल-1 प्वाइंट तक पहुंचने में 120 दिन यानी 4 महीने का समय लगेगा.