कोटा। राजस्थान के कोटा में करीब डेढ साल पहले नाबालिग छात्रा की हत्या के बहुचर्चित केस में कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी टीचर गौरव जैन को अंतिम सांस (मृत्युपर्यंत) तक जेल में रहने का फैसला सुनाया है। सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि मामले में 17 महीने में बाद पास्को कोर्ट ने फैसला सुनाया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में 64 गवाहों के बयान हुए। कोर्ट ने 158 पेज में फैसला सुनाया है।
सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि पीड़िता के पिता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पीड़िता के पिता ने शिकायत में बताया कि 13 फरवरी 2022 को रामपुरा थाना क्षेत्र निवासी गौरव जैन ने उसके पास ट्यूशन कर रही 15 साल नाबालिग छात्रा से रेप करने का प्रयास किया। छात्रा ने जब विरोध किया तो आरोपी टीचर ने उसके हाथ-पैर व गले में रस्सियां बांधकर उसकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद आरोपी गौरव लड़की के कपड़े पहनकर स्कूटी से फरार हो गया। जब छात्रा घर नहीं पहुंची तो परिजन गौरव के घर गए। ताला तोड़ कमरे में गए तो हत्या का खुलासा हुआ था। जघन्य हत्याकांड के बाद पूरा कोटा आंदोलन पर उतर आया।
पीड़िता के पिता बोले-न्याय और सत्य की जीत हुई…
पुलिस-प्रशासन, वकील और न्याय व्यवस्था… मेरा साथ देने के लिए और मेरी बेटी को न्याय दिलवाने लिए सभी का धन्यवाद। हत्यारे को अंतिम सांसों तक जेल में रहना होगा। यह न्याय और सत्य की जीत है। लेकिन मन डर सता रहा आज क्या इस जीत बाद शहर की बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस कर सकती है…? मैं कोटा से वादा चाहता है कि जैसा मेरी बेटी के साथ हुआ, अब वैसा किसी बेटी के साथ ना हो।
महिला का भेष बदलकर भागा आरोपी…
सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि गौरव जैन बीटेक होल्डर था। एम टेक की पढ़ाई कर रहा था। 15 साल की नाबालिग गौरव जैन के पास ट्यूशन पढ़ने के लिए आई थी। गौरव ने डेढ़ महीने पहले ही हत्या की योजना बना ली थी। वारदात से एक दिन पहले आरोपी ने खुद के मुंह पर तकिया लगाकर चेक किया तो हल्की सांस आ रही थी। फिर उसने तकिए के ऊपर पॉलिथीन लगाकर अपने मुंह पर रखकर चेक किया। कंफर्म होने के बाद हत्या का तरीका फाइनल किया था।
इसके बाद आरोपी गौरव ने वारदात के बाद फरार होने के लिए महिला का हुलिया बनाया था। इसके बाद आरोपी टीचर ने मीनाक्षी नाम से टिकट बुक कराया और कोटा से हरिद्वार चला गया। आरोपी गौरव ने भागते समय खुद का मोबाइल किशोर सागर तालाब में डाल गया ताकि पुलिस लोकेशन में गुमराह रहे। वो स्कूटी से रंगपुर रोड व गुड़ला स्टेशन पहुंचा। वहां से लिफ्ट लेकर नयापुरा आया।
पांच लाख का इनाम घोषित किया, स्पेशल पीपी लगाया…
वहीं पुलिस ने आरोपी की तलाश में 10 हजार का इनाम घोषित किया था। लेकिन, विभिन्न कोचिंग व व्यापार संघों द्वारा लगभग 5 लाख की राशि जाने की बात कही गई। आईजी, एसपी, 51 , 5 एएसपी, 7 डीएसपी सहित 150 पुलिसकर्मियों की टीम जुटी। पुलिस ने गौरव को को 22 फरवरी को गुडगांव से गिरफ्तार किया। मामले को कैस ऑफिसर स्कीम में लिया। केस पर 17 माह सुनवाई चली। पहली बार मामले में त्वरित सुनवाई के लिए जयपुर से स्पेशल लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत को नियुक्त किया था। एडवोकेट आनंद ने पैरवी की।