चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर आज सॉफ्ट लैंडिंग के साथ रचेगा इतिहास, आखिरी के 20 मिनट होंगे काफी अहम

चंद्रयान-3 आज शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग के लिए बिल्कुल तैयार है। यान का विक्रम लैंडर पूरी तरह से सुरक्षित है।

Chandrayaan 3

Chandrayaan 3 : नई दिल्ली। चंद्रयान-3 आज शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग के लिए बिल्कुल तैयार है। यान का विक्रम लैंडर पूरी तरह से सुरक्षित है। इसरो ने कहा, “सिस्टम की नियमित जांच हो रही है और संचालन सही ढंग सेचल रहा है। मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है!” 

विक्रम लैंडर चांद से मंगलवार शाम महज 25 किलोमीटर की दूरी पर था। लैंडर के मुख्य कैमरा लैंड इमेजर ने 20 अगस्त को भी एक शानदार वीडियो बनाया। इस दौरान इसरो नेविक्रम लैंडर द्वारा 70 किमी की ऊंचाई से खींची गई तस्वीर भी साझा कीं। अगर बुधवार काे कोई समस्या आई तो लैंडिंग 27 को हो सकती है।

आखिरी बीस मिनट महत्वपूर्ण 

चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का वक्त करीब आता जा रहा है, जो तमाम भारतवासियों के लिए गर्व का पल होगा। इसमें अब कुछ घंटे का वक्त बचा है। इसके साथ ही सबकी धड़कनें भी तेज हो गई हैं। बुधवार शाम को चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान आखिरी के 20 मिनट काफी अहम होने वाले हैं। इस मिशन के सफल होने के बाद भारत अमेरिका, चीन और रूस की बराबरी कर लेगा, जिनका मिशन मून सफल हुआ है।

19 को ली थी NPDC से तस्वीरें 

इसरो ने 19 अगस्त को लगभग 70 किलोमीटर की ऊंचाई से चंद्रयान-3 मिशन के ‘लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे’ (एनपीडीसी) से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें मंगलवार को जारी कीं। इसरो ने बताया कि एलपीडीसी से ली गई तस्वीरें यान पर मौजूद चंद्रमा के संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके इसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सहायता करती हैं। विक्रम लैंडर के बुधवार को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने की उम्मीद है। इससे पहले इसरो ने ‘लैंडर हजार्डडिटेक्शन एंड एवाइडेंस कै मरा’ (एलएचडीएसी) से ली गई चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें सोमवार को जारी की थीं।

सुनीता विलियम्स उत्साहित 

चंद्रयान-3 की बहुप्रतीक्षित लैंडिंग को लेकर भारतीय अमेरिकी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स ने अपना उत्साह और आशा व्यक्त करते हुए इसे रोमांचक समय बताया। उन्होंने कहा, ‘चंद्रमा पर ‘लैंडिंग’ से हमें अमूल्य अंतर्दृष्टि मिलेगी। मैं वास्तव में रोमांचित हूं कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण और चंद्रमा पर स्थाई जीवन की खोज में सबसे आगे है। यह वास्तव में रोमांचक समय है।’

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