केंद्र सरकार लगातार युवाओं के लिए नौकरी के अवसर बना रही है। कोई भी युवा नौकरी से ना चूके इसलिए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए अहम फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि हाल ही में कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षा 15 भारतीय भाषाओं में आयोजित करने का निर्णय लिया है ताकि देश का कोई भी युवा नौकरी का कोई अवसर चूक ना जाए। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की 14वीं हिंदी सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय स्थानीय युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा और क्षेत्रिय भाषाओं को प्रोत्साहित करेगा।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 15 भारतीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने का फैसला इसलिए लिया गया है कि भाषा के बाध्यता के चलते कोई भी युवा नौकरी का अवसर ना चूक जाए। उन्होंने एसएससी भर्ती परीक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदी और अंग्रेजी के अलावा प्रश्न पत्र 13 भाषाओं यानी असमितया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी (मैती भी) और कोंकणी भाषा में सेट किया जाएगा।
SSC भर्ती परीक्षा की बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों से अधिक समय में आधिकारिक भाषा हिंदी के अलावा भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं अंग्रेजी और हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में आयोजित करने की लगातार मांग की जा रही थी।
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हिंदी मीडियम में MBBS शुरू, अब BTech की बारी
जितेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों से अधिक समय में आधिकारिक भाषा हिंदी के अलावा भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, बंगाली जैसी स्थानीय भाषाओं में मेडिकल (MBBS) और इंजीनियरिंग (BTeach/BE) शिक्षा प्रदान करने आह्वान किया है।
मेडिकल शिक्षा हिंदी में शुरू हो गई है और जल्द इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश भर में 8 भाषाओं की शुरुआत हो चुकी है और जल्द ही छात्र अपनी मातृभाषा में तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।