Independence Day-2023 : नई दिल्ली। देश आज 77वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराने के बाद लगातार 10वीं बार देशवासियों को संबोधित किया। लाल किले से पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार, महंगाई, मणिपुर और विकास के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए देशवासियों को अपने 10 साल के कार्यकाल का हिसाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने पिछली कांग्रेस सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। साथ ही लाल किले से दिए भाषण के जरिए पीएम मोदी ने साल 2024 का एजेंडा भी सेट कर दिया।
भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, विपक्ष को खूब सुनाया
पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 2014 में हम वैश्विक अर्थव्यस्था में 10वें नंबर पर थे और आज 140 करोड़ देशवासियों का पुरूषार्थ रंग लाया है और हम विश्व की 5वीं अर्थव्यस्था बन चुके हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ है, लीकेज को हमने बंद किया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई, हमने गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया। देश जब आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है। देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है…लेकिन ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है…कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा, परिवारवाद ने हमारे देश को नोंच लिया है। इस परिवारवाद जिस तरह से देश को जकड़ के रखा है, इसने लोगों का हक छीना है। तीसरी बुराई तुष्टिकरण की है। इस तुष्टिकरण ने देश की मूलभूत चिंतन को, हमारे राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगा दिए हैं। तहस-नहस कर दिया है। इसलिए हमें इन बुराइयों…भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के साथ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।
महंगाई को मुद्दे पर कहीं ये बात
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व कोरोना के बाद अब तक उभर नहीं पाया है। आज दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महंगाई ने दबोच कर रखा है। हम भी दुनिया से जो सामान इम्पोर्ट करते है, उसके साथ-साथ हमें महंगाई भी इम्पोर्ट करनी पड़ती है। भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए। पिछले कालखंड की तुलना में हमें सफलता भी मिली है लेकिन हम इतने से संतोष नहीं मान सकते। मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में मुझे और भी कदम उठाने हैं और मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
मणिपुर के लोगों के साथ है देश
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में विशेषकर मणिपुर में, जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ है, मणिपुर के लोगों ने कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उसको आगे बढ़ाए। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी।
पीएम मोदी ने दिया 10 साल के कार्य का हिसाब
पीएम मोदी ने कहा कि मैं तिरंगे के नीचे से देशवासियों को अपनी सरकार के 10 साल के काम का हिसाब दे रहा हूं। हमने अलग आयुष मंत्रालय बनाया। आज योग और आयुष अलग परचम लहरा रही है। मत्स्य पालन हमारे कोटि कोटि मछुआरों का कल्याण भी हमारे मन में है, इसलिए हमने अलग मंत्रालय की रचना की। ताकि समाज के लोग पीछे रह गए, उन्हें भी साथ ले सकें। देश के कोने कोने में हमने अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया, ताकि गरीब से गरीब की सुनवाई वहां हो। ताकि वह भी राष्ट्र के योगदान में हिस्सा दे सके।
यूं सेट किया साल 2024 का एजेंडा
पीएम मोदी ने साल 2024 का एजेंडा सेट करते हुए कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले 5 साल में देश पहले तीन वैश्विक इकॉनमी में अपना जगह ले लेगा। शहरों में किराए के मकानों में रहने वालों को बैंक लोन में रियायत मिलेगी। देशभर में 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार जनऔषधी केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2019 में परफॉर्मेंस के आधार पर आप सबने हमें फिर से आशीर्वाद दिया। परिवर्तन का वादा मुझे ले आया और आने वाले 5 साल अभूतपूर्व विकास के हैं। 2047 के सपने को साकार करने के सबसे बड़े स्वर्णिम पल आने वाले 5 साल हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान… पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा।
पीएम मोदी के भाषण की 20 बड़ी बातें
-पीएम मोदी ने कहा कि मैं आप में से आता हूं, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। अगर मुझे सपना भी आता है तो आपके लिए आता है, अगर मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। इसलिए नहीं कि आपने मुझे ये दायित्व दिया, ये मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि आप मेरे परिवारजन हैं और मैं आपके किसी दुख को नहीं देख सकता हूं।
-मोदी ने कहा कि हमें वो भारत बनाना है…जो पूज्य बाबू के सपनों का था। हमें वो भारत बनाना है…जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था। हमें वो भारत बनाना है…जो हमारे वीर शहीदों का था, जो हमारी वीरांगनाओं का था। जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना जीवन दे दिया था।
-पीएम मोदी ने कहा कि अगर सपनों को सिद्ध करना है और संकल्प को पार करना है तो हमें तीन बुराइयों से लड़ना होगा। पहली लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है, दूसरी लड़ाई परिवारवाद के खिलाफ है, और तीसरी लड़ाई तुष्टिकरण के खिलाफ है।
-उन्होंने कहा कि हमने देश के सीमावर्ती गांवों के लिए Vibrant Border Village का कार्यक्रम शुरू किया है। अब तक सीमावर्ती गांव को कहा जाता था कि वह देश का आखिरी गांव है। हमने उस सोच को बदला है, वह देश का आखिरी गांव नहीं है! सीमा पर जो नजर आ रहा है, वह देश का पहला गांव है।
-ये नया भारत है…आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, ये संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। इसलिए ये भारत… न रूकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही ये भारत हारता है।
-हमारे देश में 25 साल से चर्चा हो रही थी कि नई संसद बने, लेकिन ये मोदी है…समय के पहले नई संसद बना के रख दिया। ये काम करने वाली सरकार है, निर्धारित लक्ष्यों के साथ काम करने वाली सरकार है।
-आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़ करके, लक्ष्यों को तय करके, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चल रहा है। जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं।
-देश में रेल आधुनिक हो रही है तो वंदे भारत ट्रेन भी आज देश के अंदर काम कर रही है। गांव-गांव पक्की सड़कें बन रही हैं तो इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो की रचना भी आज देश में हो रही है। आज गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है।
-मैं साफ-साफ देख रहा हूं कि Covid के बाद एक नया Global Order, एक नया Geo-Political Equation, बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। बदलते हुए विश्व को आकार देने में आज मेरे 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य नजर आ रहा है।
-आज देश अनेक क्षमताओं को लेकर के आगे बढ़ रहा है। देश आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ने के लिए काम कर रहा है। आज देश renewable energy और green hydrogen के लिए काम कर रहा है। देश की स्पेस में क्षमता बढ़ रही है तो deep sea mission में भी सफलता के साथ आगे चल रहा है।
-जन औषधि केन्द्रों ने देश के सीनियर सिटिजन को, देश के मध्यमवर्गीय परिवार को एक नई ताकत दी है। इसकी सफलता को देखते हुए अब देश में 10 हजार जनऔषधि केन्द्र से बढ़ाकर 25 हजार जन औषधि केन्द्र बनाने का लक्ष्य रखा है।
-भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए। पिछले कालखंड की तुलना में हमें सफलता भी मिली है लेकिन हम इतने से संतोष नहीं मान सकते। मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में मुझे और भी कदम उठाने हैं और मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
-2014 में हम वैश्विक अर्थव्यस्था में 10वें नंबर पर थे और आज 140 करोड़ देशवासियों का पुरूषार्थ रंग लाया है और हम विश्व की 5वीं अर्थव्यस्था बन चुके हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ है, लीकेज को हमने बंद किया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई, हमने गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया।
-हमने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से ढाई लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किए हैं। हर घर में शुद्ध पानी पहुंचे, हमने जल जीवन मिशन पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं! हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत हमने 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि गरीब को दवाई मिले, उनका अच्छे से इलाज हो। हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब-करीब 15 हजार करोड़ रुपये टीकाकरण के लिए लगाये हैं!
-आज G20 होस्ट करने का भारत को अवसर मिला है। पिछले एक साल से देश के हर कोने में जिस प्रकार से G20 के अनेक आयोजन व कार्यक्रम हुए हैं, उसने देश के सामान्य मानवी के सामर्थ्य से दुनिया को परिचित करवा दिया है। भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है, जिस कारण भारत का आकर्षण बढ़ा है।
-मैं माताओं-बहनों, बेटियों से कहना चाहता हूं कि देश आज मेरी माताओं-बहनों के सामर्थ्य से आगे बढ़ा है। आज देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है तो मेरे किसान भाई-बहनों का पुरुषार्थ है, यह आप ही का परिश्रम है कि देश आज कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
-आज झुग्गी-झोपड़ी से निकले बच्चे दुनिया में पराक्रम दिखा रहे हैं। छोटे-छोट गांव, कस्बे के नौजवान, हमारे बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं। मैं देश के नौजवानों को कहना चाहता हूं, आज अवसरों की कमी नहीं है। आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है।
-इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था, कोई समय ऐसा नहीं था जब भारत के वीरों ने देश की आजादी की लौ को जलाये न रखा हो। देश की नारीशक्ति, देश के किसान, देश के मजदूर, कोई भी ऐसा नहीं था जो आजादी के सपने को लेकर जीता न हो। जनचेतना का वह व्यापक रूप, त्याग और तपस्या का वह व्यापक रूप, जन-जन के अंदर विश्वास जगाने वाला वह पल, आखिरकार 1947 में देश आजाद हुआ।
-पूर्वोत्तर में विशेषकर मणिपुर में, जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी। हम जो भी करेंगे, जो भी कदम उठाएंगे, जो फैसला लेंगे, वो अगले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है, भारत के भाग्य को लिखने वाला है।
-देश की आजादी की जंग में जिस-जिस ने बलिदान दिया है, त्याग किया है, तपस्या की है, मैं उन्हें आदरपूर्वक नमन, उनका अभिनंदन करता हूं। विश्वभर में भारत की चेतना के प्रति, भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया आकर्षण, एक नया विश्वास पैदा हुआ है। ये प्रकाशपुंज भारत से उठा है, जो विश्व अपने लिए ज्योति के रूप में देख रहा है।
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