Student Union Election : जयपुर। राजस्थान में इस बार छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे। गहलोत सरकार ने देर रात आदेश जारी कर दिए है। सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का हवाला देते हुए छात्रसंघ चुनाव नहीं करने का फैसला लिया है। हालांकि, सीएम गहलोत ने शनिवार दोपहर ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि इस बार राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे। इसके बाद देर रात उच्च शिक्षा विभाग की अहम बैठक हुई। जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता के दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान में सत्र 2023-24 में कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए जाने का फैसला लिया गया।
उच्च शिक्षा विभाग ने देर रात विश्वविद्यालयों के कुलपति, राजस्थान राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के पदाधिकारी एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई। जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की क्रियान्विति की स्थिति, विश्वविद्यालयों की विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम जारी करने चालू सत्र के लिए प्रवेश की स्थिति, बजट घोषणाओं की क्रियान्विति तथा छात्रसंघ चुनाव एवं लिंगदोह समिति की सिफारिशों की पालना आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान कुलपतियों ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न घटकों को लागू करना एक चुनौतिपूर्ण काम है। इस दिशा में अभी व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। एकेडमिक बैंक ऑफ केडिट में छात्रों का पंजीकरण, सेमेस्टर व्यवस्था लागू करने, इंस्टीट्यूशनल डवलपमेंट प्लान, नैक द्वारा प्रत्यायन एवं शिक्षा की गुणवत्ता आदि कार्य प्रगति पर हैं।
मीटिंग में उठा ये मुद्दा
मीटिंग के दौरान मुद्दा उठा कि विश्वविद्यालयों की विभिन्न परीक्षाओं के परिणामों में देरी, नवीन महाविद्यालयों के खोले जाने प्रवेश प्रक्रिया में विलम्ब के कारण न्यूनतम 180 दिवस अध्यापन कार्य करवाना चुनौतिपूर्ण है। मा० उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता है। ऐसे में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2023-24 में छात्रसंघों के चुनाव नहीं करवाए जाने चाहिए।
इसलिए लेना पड़ा बड़ा फैसला
कुलपतियों ने मीटिंग में छात्रसंघ चुनावों में धनबल व भुजबल का खुलकर प्रयोग करने तथा लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन होने की स्थिति स्पष्ट की। साथ ही कहा कि यदि छात्रसंघ चुनाव कराये जाते हैं तो शिक्षण कार्य अत्यधिक प्रभावित होंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप सेमेस्टर सिस्टम लागू करने में असुविधा रहेगी। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने का निर्णय लिया गया है।
इन यूनिवर्सिटी व कॉलेज में नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, कोटा विश्वविद्यालय कोटा, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर,पं. दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर, राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर, गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय जयपुर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर और एमबीएम विवि जोधपुर के साथ ही प्रदेश के 400 सरकारी व 500 से अधिक निजी कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे। ऐसे में प्रदेश के 6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
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