Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी और कांग्रेस की ओर से हर तरह के चुनावी दांव आजमाए जा रहे हैं जहां कांग्रेस को सीएम अशोक गहलोत की योजनाओं और काम पर भरोसा है वहीं बीजेपी खेमे में केंद्र से पूरा गेम ऑपरेट किया जा रहा है. इसी कड़ी में दोनों ही मुख्य राजनीतिक दल अब जाति और समुदाय विशेष के आधार पर भी अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं.
जहां सीएम गहलोत ने हाल में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का ऐलान किया तो वहीं अब बीजेपी चुनावी मैदान में ‘मोदी मित्र’ उतारने जा रही है. बताया जा रहा है कि बीजेपी कांग्रेस के परम्परागत वोट बैंक में सेंध लगाने की रणनीति पर काम कर रही है.
मालूम हो कि बीजेपी हमेशा से ही कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है जहां बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस चुनावों में तुष्टिकरण कर वोटबैंक साधती है. दरअसल पिछली बार चुनावों में बीजेपी ने सिर्फ एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया था जिसके बाद इस बार माना जा रहा है कि रणनीति में बदलाव किया जा सकता है.
बता दें कि राजस्थान में करीब 40 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाता हार जीत का गणित बिगाड़ देते हैं जहां इस बार बीजेपी और कांग्रेस के अलावा एआईएमआईएम भी चुनावों में दावेदारी कर रही है ऐसे में बीजेपी ने अपने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ को जमीन पर सक्रिय कर दिया है जहां मुस्लिम इलाकों में मोदी मित्र बनाए जा रहे हैं.
मोदी मित्र बदलेंगे चुनावी समीकरण!
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी की ओर से प्रदेश बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा को चुनावी टास्क दिया गया है जहां मोर्चा की ओर से अब हर विधानसभा क्षेत्र में मोदी मित्र बनाए जा रहे हैं जो केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता के बीच लेकर जाएंगे.
इसके लिए अल्पसंख्यक मोर्चा ने प्रदेश के सभी दरगाहों और मदरसों की एक सूची भी तैयार की है जहां मोदी मित्र चुनावी प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे. बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में करीब 36 हजार से ज्यादा मुस्लिमों को मोदी मित्र बनाकर उन्हें हर एक विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी जाएगी.
मुस्लिम वोट बैंक पर बीजेपी की नजर
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने मुस्लिम समुदाय के लिए एक बड़ा फैसला किया था जहां सरकार ने तीन तलाक को खत्म करने के लिए कानून बनाया. आंकड़ों के मुताबिक इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा था और मुस्लिम महिलाएं बीजेपी से जुड़ी थी. ऐसे में राजस्थान में मुस्लिम समुदाय के बीच बीजेपी इस बार मोदी मित्र के जरिए एक्सपेरीमेंट करना चाह रही है.